धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti: जानिए जो व्यक्ति घर परिवार से सुखी है, उसके जीवन में कभी नहीं होती है दुख और अशांति

Nilmani Pal
28 Nov 2020 11:06 AM GMT
Chanakya Niti: जानिए जो व्यक्ति घर परिवार से सुखी है, उसके जीवन में कभी नहीं होती है दुख और अशांति
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चाणक्य के अनुसार दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने की जिम्मेदारी पति और पत्नी दोनों की है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है वह व्यक्ति धरती पर सब से सुखी है जिसे जीवन साथ का समर्पण और प्रेम प्राप्त है. चाणक्य का मानना था कि जो व्यक्ति से घर परिवार से सुखी है, उसके जीवन में कभी भी दुख और अशांति नहीं होती है. ऐसा व्यक्ति सदैव जीवन में सफलता प्राप्त करता है. ऐसे लोग जिस क्षेत्र में भी हाथ अजमाते हैं उन्हें सफलता ही सफलता प्राप्त होती है.

चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति कितना ही प्रतिभाशाली और संपन्न क्यों न हो, यदि उसका दांपत्य जीवन कलह और अशांति से भरा हुआ है तो वह अपनी प्रतिभा के अनुसार वह फल कभी प्राप्त नहीं कर पाएगा जिसका वो हकदर है. इसलिए दांपत्य जीवन में मधुरता और प्रेम का होना अति आवश्यक है.
चाणक्य के अनुसार दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने की जिम्मेदारी पति और पत्नी दोनों की है. इसलिए एक दूसरों को अपनी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए प्रयत्न और प्रयास करते रहने चाहिए. इसके साथ ही इन बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए.
जीवन साथी को सदैव सम्मान प्रदान करें
चाणक्य के अनुसार जीवन साथी को कभी दूसरों से कमजोर नहीं आंकना चाहिए. जीवनसाथी जैसा भी हो उसकी कद्र करनी चाहिए और विचारों को जानना-समझना चाहिए. इस धरती पर कोई भी पूर्ण नहीं होता है, सभी में कुछ न कुछ कमियां और गलतियां होती हैं. इन कमियों और गलतियों को कभी मुद्दा नहीं बनाना चाहिए बल्कि इन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए. यदि ऐसा करने में आप सफल रहते हैं तो जीवन साथी का समर्पण और भरपूर प्रेम प्राप्त होगा.
जीवन साथी की कमजोरियों को दूसरों के सामने जाहिर न करें
चाणक्य के अनुसार जीवन साथी की कमजोरियों को दूसरों के सामने जाहिर नहीं करना चाहिए बल्कि उन कमजोरियों को दूर करने के प्रयास करना चाहिए. जो ऐसा नहीं कर पाते हैं उनका दांपत्य जीवन दुखों से भर जाता है. इसलिए एक दूसरे की ताकत बनना चाहिए.
संवादहीनता न आने दें रिश्तों में
चाणक्य के अनुसार संवाद के जरिए बड़ी से बड़ी समस्या को हल किया जा सकता है. चाणक्य की मानें तो रिश्तों में दरार तभी आती है जब संवाद में कमी आने लगती है. संवाद में कभी कमी नहीं आने देना चाहिए. हर विषय पर खुलकर वार्ता करनी चाहिए. यदि करने में सफल रहते हैं तो जीवन साथी के साथ कभी संबंध खराब नहीं होंगे.


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