धर्म-अध्यात्म

चाणक्य नीति: जानिए महिलाओं के बारें में जिस पर कभी भरोसा नहीं करनी चाहिए

Tara Tandi
4 July 2022 10:35 AM GMT
चाणक्य नीति: जानिए महिलाओं के बारें में जिस पर कभी भरोसा नहीं करनी चाहिए
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आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख किया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख किया है. चाणक्य एक महान शिक्षक, कुशल अर्थशास्त्री और माहिर कूटनीतिज्ञ थे. उन्होंने अपने जीवन की हर समस्या का बहादुरी से सामना किया. चाणक्य ने कभी अपने आत्मविश्वास को कम नहीं होने दिया और निरंतर लक्ष्य की प्राप्ति में लगे रहे. चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति के माध्‍यम से जीवन की कुछ समस्‍याओं के समाधन की ओर भी ध्‍यान दिलाया है. आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्व विख्‍यात हुए. आइए जानते है कुछ महिलाओं के बारें में जिसपर कभी भरोसा नहीं करनी चाहिए

1. स्त्री की सुन्दरता
चाणक्य के अनुसार सुन्दरता ही सबकुछ नहीं होती है. यदि कोई पुरुष किसी स्त्री की सुन्दरता देखकर उसे परखता है और उसे पसंद करके उससे विवाह कर लेता है तो उससे बड़ा मूर्ख इस पूरी दुनिया में कोई भी नहीं है. विवाह के लिए स्त्री के संस्कार, उसका स्वभाव, उसके लक्षण, उसके गुण और अवगुणों के बारे में जानना चाहिए.
2. संस्कार पर खास महत्व
चाणक्य कहते है कि इन सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद ही शादी के बारे में निर्णय करना चाहिए. सुन्दरता के आधार पर गलत चुनाव करने से वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में स्त्री के संस्कार पर खास महत्व दिया है. उन्होंने लिखा है कि अच्छे संस्कारों वाली स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है. वो अपने पति और उसके पूरे परिवार का ख्याल रखती हैं, लेकिन बुरे संस्कारों वाली स्त्री सबकुछ तहस-नहस कर देती है.
3. संस्कारी नहीं है
चाणक्य के अनुसार यदि स्त्री सुन्दर नहीं है, लेकिन उसके संस्कार अच्छे हैं तो पुरुष को उससे विवाह कर लेना चाहिए. क्योंकि यही वो स्त्री है जो उसके भविष्य को सुखद बनाएगी. ऐसी स्त्री उसे एक श्रेष्ठ परिवार देती है. लेकिन इसकी जगह यदि गलत स्त्री को चुन लिया जाए, जो संस्कारी नहीं है और परिवार की अहमियत ना समझती हो तो ना केवल शादी बल्कि सभी रिश्ते-नाते टूट जाते हैं. ऐसी स्त्रियां अधार्मिक होती हैं. आचार्य चाणक्य बताते हैं कि सुन्दरता मन की देखनी चाहिए और तन की सुन्दरता बिलकुल भी नहीं देखनी चाहिए
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