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Chanakya Niti: इन अवगुणों को खुद से रखें दूर, चाणक्य निति में है ज़िक्र
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री, नीतिशास्त्री और कूटनीतिज्ञ थे. उनकी नीतियों का आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी की पहले हुआ करती थी. आज भी अपने जीवन को सफल बनाने के लिए लोग इन नीतियों का पालन करते हैं. इन नीतियों का पालन करके व्यक्ति जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से आसानी से छुटकारा पा सकता है. बड़ी से बड़ी समस्या को आसानी से सुलझा सकता है. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में नौकरी, व्यापार और रिश्तों से संबंधित भी कई बातों का जिक्र किया है. व्यक्ति के कुछ ऐसे अवगुणों के बारे में भी बताया है जिनके होने से जीवन नर्क के समान हो जाता है. आइए जानें कौन से हैं ये अवगुण
दया भाव न होना – आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति में दया भाव नहीं होता है वो जीवन में कभी कुछ हासिल नहीं कर पाता है. जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो दया भाव होना बहुत ही जरूरी है.
सम्मान न करना – जितना सम्मान आप दूसरे को देंगे उतना ही आपको भी मिलेगा. इसलिए सामने वाले को हमेशा सम्मान दें. इससे कोई छोटा-बड़ा नहीं होता है. लेकिन कभी भी किसी का बेवजह अपमान नहीं करना चाहिए. इससे आपका समाज में सम्मान होता है.
क्रोध – क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है. व्यक्ति को हमेशा अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए. गुस्से में व्यक्ति कोई भी फैसला सोच-समझकर नहीं ले पाता है. बेवजह लोगों पर गुस्सा न करें. ये आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
दान-धर्म न करना – दान-धर्म से कभी भी दूर न भागें. दान के बिना जीवन व्यर्थ है. हमेशा अपनी आय का एक हिस्सा दान जरूर करें. इसलिए जीवन में दान और धर्म के रास्ते पर चलना बहुत ही जरूरी है. इसलिए दान-धर्म जरूर करें.