धर्म-अध्यात्म

चाणक्य नीति : गलती से किसी को भी महसूस न होने दे ये बातें, वरना...

Renuka Sahu
2 Oct 2021 5:08 AM GMT
चाणक्य नीति : गलती से किसी को भी महसूस न होने दे ये बातें, वरना...
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फाइल फोटो 

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि आप अंदर से कितने बिखरे हुए हो, ये बात किसी को नहीं बतानी चाहिए।

'किसी को ये महसूस ना होने दो कि आप अंदर से टूटे हुए हो क्योंकि लोग टूटे हुए मकान की ईंटें तक उठा ले जाते हैं।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनकी भनक किसी को भी लग जाए तो उससे आपका नुकसान हो सकता है। इन चीजों में से एक चीज है आपका अंदर से बिखर जाना। असल जिंदगी में कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य अंदर से इस कदर टूट जाता है कि तकलीफ आंसुओं के जरिए आंखों से बहती है। इस तकलीफ का अंदाजा सिर्फ उसी को हो सकता है जो इस तरह के मुश्किल वक्त और उसी परिस्थिति से गुजरा हो।
अगर आप अंदर से टूट गए हैं तो कोशिश करिए कि सामने वाले को इस बात का एहसास तक ना हो। ऐसा इसलिए क्योंकि असल जिंदगी में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो आपकी तकलीफ को समझें। कुछ लोग तो ऐसे होते हैं कि सामने वाले के इस मुश्किल वक्त का फायदा उठाने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसा इसलिए क्योंकि ना तो वो उस तकलीफ से गुजरे होते हैं और ना ही उनके अंदर इतनी इंसानियत होती है कि वो दूसरों का दर्द महसूस कर सके। हालांकि ये बात भी सच है कि सब लोग ऐसे नहीं होते। आपके परिवार के अलावा कुछ करीबी दोस्त ऐसे होते हैं जो इस मुश्किल वक्त में आपका साथ देते हैं। लेकिन इन कुछ लोगों के अलावा किसी और को आपके दर्द का एहसास ना ही हो तो ही अच्छा है।


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