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धर्म-अध्यात्म
Chanakya Niti : आचार्य की बातों का अनुसरण करके जीवन की तमाम समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है
Bhumika Sahu
8 Dec 2021 2:57 AM GMT
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आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में ऐसी 4 चीजों का वर्णन किया है, जो व्यक्ति के भाग्य को जगाने वाली हैं, साथ ही दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदलने की क्षमता रखती हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कामयाबी पाने के लिए कठिन परिश्रम बहुत जरूरी होता है. बिना परिश्रम के आपको कभी कुछ नहीं मिल सकता. लेकिन परिश्रम को अगर भाग्य का भी साथ मिल जाए तो व्यक्ति जीवन में जो चाहता है, उसे बहुत जल्द ही हासिल कर लेता है. उसके जीवन में बार बार रुकावटें और बाधाएं नहीं आतीं. आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में ऐसी 4 चीजों का वर्णन किया है, जो व्यक्ति के भाग्य को जगाने वाली हैं, साथ ही दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदलने की क्षमता रखती हैं.
लेकिन इसके लिए मन में पूरी श्रद्धा रखना जरूरी है. बता दें कि आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, रणनीतिकार, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे. उन्हें तमाम विषयों का गूढ़ ज्ञान था और आज भी उन्हें एक लाइफकोच की तरह देखा जाता है. उनकी नीतिशास्त्र नामक रचना आज भी बहुत पॉपुलर है, जिसे हम चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं. आचार्य की बातों का अनुसरण करके जीवन की तमाम समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
मां की सेवा
सबसे पहले हैं मां. मां को संसार में सर्वोच्च माना गया है. जो व्यक्ति अपनी मां का सम्मान करता है, उनकी देखभाल करता है, उनका आशीर्वाद प्राप्त करता है, उसके जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती. उस व्यक्ति का बुरा समय भी समय के साथ अच्छे समय में बदल जाता है. तमाम दुर्घटनाओं से उसका बचाव होता है.
गायत्री मंत्र
इस मंत्र को दुनिया में सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना गया है. श्रद्धा के साथ इसका जाप करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मकता आती है. उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है. ऐसा व्यक्ति जीवन में कुछ भी बहुत आसानी से प्राप्त कर सकता है.
एकादशी तिथि
आचार्य चाणक्य ने एकादशी तिथि को भी बेहद पवित्र और कल्याणकारी बताया है. इस दिन नियमपूर्वक व्रत रखने से व्यक्ति के पाप कटते हैं और पाप कटने से उसके जीवन में खुशहाली आना शुरू हो जाता है. उसका दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है.
अन्नदान
अन्नदान को महादान माना गया है. किसी भी भूखे व्यक्ति को भोजन कराना और प्यासे को पानी पिलाना बहुत शुभ फलदायी होता है. इस काम को पूर्ण निष्ठा और श्रद्धा के साथ करना चाहिए. ऐसे व्यक्ति के जीवन में कठिन समय आकर भी कब गुजर जाता है, वो समझ ही नहीं पाता.
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