धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti : बड़ा बनने के लिए करने पड़ते हैं बड़े काम, सिर्फ उम्र तय नहीं करती बड़प्पन

Bhumika Sahu
5 Feb 2022 2:01 AM GMT
Chanakya Niti : बड़ा बनने के लिए करने पड़ते हैं बड़े काम, सिर्फ उम्र तय नहीं करती बड़प्पन
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आचार्य चाणक्य को बहुत बड़े ज्ञानी के रूप में याद किया जाता है. उन्हें एक बेहतरीन लाइफकोच के रूप में जाना जाता है. आचार्य की कही बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं. यहां जानिए वो बातें, जिन्हें अपनाकर आप आप खुद को महान बना सकते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर लोग किसी को उम्र देखकर उसे बड़ा या छोटा बताते हैं, लेकिन आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) इससे सहमत नहीं थे. उन्होंने चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में कर्मों को बहुत बड़ा स्थान दिया है और लोगों को बताया है कि बड़े होने के लिए आपको बड़े काम करने की जरूरत होती है.वास्तव में इंसान के कर्म (Karmas) ही उसे बड़ा बनाते हैं. बड़े कर्म करने के लिए बड़े त्याग भी करने पड़ते हैं, इसलिए इनसे घबराना नहीं चाहिए. व्यक्ति को निरंतर अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए. मृत्यु आने के बाद लोग आपको सिर्फ कर्मों से ही याद करते हैं. ऐसे लोग मृत्यु के बाद भी लंबे समय तक अपनी पहचान कायम रखते हैं और दूसरों की प्रेरणा बनते हैं. आचार्य ने कर्मों को लेकर कुछ खास बातें कही हैं, यहां जानिए उनके बारे में.

1. आचार्य ने बड़प्पन को लेकर कहा है कि जिस तरह कड़कती बिजली एक पहाड़ को तोड़ देती है, जबकि यह पहाड़ जितनी विशाल नहीं होती. ठीक उसी तरह व्यक्ति के बड़े कर्म उसे बड़ा बनाते हैं, व्यक्ति की उम्र या आकार नहीं.
2. आचार्य ने इसके अलावा भी कुछ ऐसे कर्म बताए हैं, जो व्यक्ति को महान बनाते हैं. इन कर्मों में से एक है दान. दान जिससे आप कमजोर लोगों की मदद करते हैं. दान के कारण ही आज कर्ण और बाली को याद किया जाता है. दान की महत्ता को समझना है तो मधुमक्खियों को देखिए, वे सारा शहद खुद के लिए बनाती हैं, इसे न खुद खाती हैं, न किसी को लेने देती हैं, लेकिन आखिर में वो सारा शहद उनसे छीन लिया जाता है. इसी तरह जो व्यक्ति सिर्फ अपने लिए जीता है, वो न तो स्वयं सुखी रह पाता है, न दूसरों को सुखी रख पाता है. आखिर में खुद ही अपना सब कुछ गवां बैठता है.
3. आचार्य का मानना था कि अच्छाई व्यक्ति की प्रवृत्ति में होती है, वो किसी में डाली नहीं जा सकती है. व्यक्ति के वचन, आचरण, साहस, गुण और उदारता उसकी अच्छाइयों का खुद ही बखान करती हैं.
4. छल करने वाला एक अधर्मी राजा की तरह ही होता है. जो सिर्फ अपने फायदे के बारे में सोचता है और अपने समाज को छोड़कर दूसरे समाज में मिल जाता है. ऐसा व्यक्ति स्वयं ही अपना नुकसान कर लेता है.


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