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धर्म-अध्यात्म
Chanakya Niti : इन 3 कामों से हमेशा दूर रहें, बदनामी से बचना तो
Shiddhant Shriwas
29 July 2021 7:24 AM GMT
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आचार्य चाणक्य तीक्ष्ण बुद्धि के धनी थे. उन्होंंने अपने जीवन में जो भी किया वो जनहित को ध्यान में रखते हुए किया और हमेशा लोगों को धर्म की राह पर मजबूती के साथ चलने के लिए प्रेरित किया. आचार्य की कही बातें आज के समय में भी सटीक साबित होती हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और विपरीत परिस्थिति में बहुत मुश्किल फैसले भी लिए. लेकिन उनका हर फैसला ज्यादातर सटीक साबित होता था क्योंकि आचार्य ने हमेशा अपने संघर्ष को भी सकारात्मक दृष्टि से देखा, धैर्यपूर्वक चुनौतियों का सामना किया और आपदा को भी अवसर में बदल दिया.
तीक्ष्ण बुद्धि के धनी आचार्य चाणक्य ने जो भी किया, वो जनहित को ध्यान में रखते हुए किया और हमेशा लोगों को धर्म की राह पर मजबूती के साथ चलने के लिए प्रेरित किया. आचार्य का मानना था कि जिस कार्य में मानव कल्याण की भावना न हो, उस कार्य का फल कभी भी स्थायी नहीं हो सकता. अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में आचार्य ने लोगों को बुरे कामों से बचने की सलाह दी है. साथ ही बताया है कि यदि अपयश से बचना है तो 3 कामों से हमेशा दूर रहें.
झूठ बोलकर फायदा उठाना
आचार्य का मानना था कि जो व्यक्ति झूठ का सहारा लेकर फायदा उठाता है, वो कभी समाज में सम्मान नहीं पा सकता. झूठ बोलकर आपका काम कुछ दिन चल सकता है, लेकिन किसी न किसी दिन आपकी पोल जरूर खुलती है. जिस दिन लोग आपका सच जान लेते हैं, वे आपको नापसंद करने लगते हैं और आपसे दूरी बना लेते हैं.
दूसरों की बुराई करना
दूसरों की बुराई करना कुछ लोगों को बहुत पसंद होता है. लेकिन बुराई करने वाला व्यक्ति कभी भी सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता. ऐसे लोगों में नकारात्मकता और कुंठा दिखाई देती है. ये लोग जहां बैठते हैं वहां किसी न किसी की बुराई ही करते हैं. लेकिन बुराई करने से न सिर्फ आप अपना कीमती समय गंवाते हैं, बल्कि आप स्वयं भी आलोचना के अधिकारी बन जाते हैं.
दूसरे को हानि पहुंचाने के लिए धन का इस्तेमाल
धन आपके जीवनयापन के लिए होता है, आपके बुरे वक्त का सच्चा मित्र होता है. इसलिए धन को संचय जरूर करना चाहिए और कुछ हिस्सा धार्मिक कार्यों में लगाना चाहिए. लेकिन कुछ लोग धन का इस्तेमाल दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं. ऐसे लोगों को कभी भी समाज में सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता. लोग ऐसे लोगों के साथ उठना बैठना भी पसंद नहीं करते और उनसे दूरी बना लेते हैं.
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