धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti: आचार्य ने माता-पिता और संतान की श्रेष्ठता को लेकर कहीं हैं ये बातें

Bhumika Sahu
24 Feb 2022 3:08 AM GMT
Chanakya Niti: आचार्य ने माता-पिता और संतान की श्रेष्ठता को लेकर कहीं हैं ये बातें
x
आचार्य चाणक्य महाज्ञानी थे. उन्होंने अपने जीवन में बहुत कठिन समय देखा, लेकिन हर परिस्थिति को अपनी ताकत बनाया और उस पर विजय हासिल की. आचार्य में नामुमकिन को भी मुमकिन बनाने की क्षमता थी. चाणक्य नीति उनके अनुभवों का निचोड़ है. यहां जानिए इसमें लिखी कुछ खास बातों के बारे में.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।

आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चे कच्ची मिट्टी के बर्तन की तरह होते हैं, उन्हें जो चाहे वो आकार दिया जा सकता है. वहीं माता-पिता कुम्हार की तरह होते हैं जो बर्तन को आकार देते हैं. यानी बच्चे का बनना और बिगड़ना दोनों ही माता-पिता और उनके दिए संस्कारों पर निर्भर करता है.
जो माता-पिता बच्चों को शिक्षित नहीं करते, वो उसके लिए दुश्मन के समान होते हैं. जिस तरह हंसों के बीच बगुला शोभा नहीं देता, उसी तरह पढ़े लिखे समाज के बीच अशिक्षित व्यक्ति टिक नहीं सकता. इ​सलिए अपने बच्चे को हमेशा शिक्षित कराएं और उसे जीवनभर शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करें. शिक्षा ही उसके व्यक्तित्व को महान बना सकती है.
जो गाय दूध न दे, गर्भधारण न कर सके, उसका कोई लाभ नहीं है. उसी तरह अशिक्षित और अधर्मी पुत्र के होने का भी कोई लाभ नहीं है. अपनी संतान को वो संस्कार दें कि वो भविष्य में आपके कुल का नाम रोशन करे.
जो ​संतान पिता को कर्ज में डुबो दे, वो संतान दुश्मन के समान है, चरित्रहीन मां दुश्मन के समान है, अति की सुंदर पत्नी दुश्मन के समान है और मूर्ख व्यक्ति भी शत्रु के समान ही है.
वही संतान श्रेष्ठ है जो माता-पिता की भक्त है, वो माता-पिता श्रेष्ठ हैं जो संतान का अच्छे से पालन करते हैं, वो मित्र श्रेष्ठ है जो भरोसे के लायक है.


Next Story