धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने बताया- इंसान को ये गलतियां कर देती हैं पूरी तरह से बर्बाद

Deepa Sahu
21 Aug 2021 5:12 PM GMT
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने बताया- इंसान को ये गलतियां कर देती हैं पूरी तरह से बर्बाद
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चाणक्य नीति शास्त्र में व्यक्ति एवं समाज के कल्याण के लिए कई सारी बातें सूत्रों के रूप में बताई गई हैं।

चाणक्य नीति शास्त्र में व्यक्ति एवं समाज के कल्याण के लिए कई सारी बातें सूत्रों के रूप में बताई गई हैं। आचार्य चाणक्य स्वयं एक महाज्ञानी, दूरर्दशी, कुशल रणीतिकार थे। चाणक्य नीति शास्त्र में उनके द्वारा बताई गई बातें आज भी व्यक्ति विशेष एवं समाज के लिए उपयोगी हैं। यदि कोई व्यक्ति चाणक्य की बताई गई बातों का पालन करता है तो वह जीवन में कभी भी मात नहीं खाता है, बल्कि सफलता स्वयं उसके कदमों को चूमती है। चाणक्य का व्यक्तित्व भी लोगों के लिए किसी भी देश, काल और परिस्थिति में अनुकरणीय एवं आदर्श है। उनके चरित्र की महानता के पीछे, उनकी कर्म निष्ठा और दृढ़प्रतिज्ञा थी। उनका जीवन त्याग, तेजस्विता, दृढ़ता, साहस एवं पुरुषार्थ का प्रतीक है। उनके अर्थशास्त्र और राजनीतिशास्त्र के सिद्धांत वर्तमान में भी उतने ही उपयुक्त हैं। चाणक्य के अनुसार, लोगों की कुछ बुरी आदतें उन्हें तबाह कर देती हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-

चाणक्य के अनुसार जो लोग छल-कपट या बुरे कार्यों से पैसा कमाते हैं उनके पास ज्यादा देर तक पैसा नहीं टिकता है। ऐसे लोग परेशानियों से घिर जाते हैं जिसके कारण जल्द ही उनका पैसा बर्बाद हो जाता है।
जो लोग सुबह से संध्या तक सोए रहते हैं, उनके ऊपर कभी भी मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है। सूर्योदय के बाद तक सोए रहने वाले व्यक्ति हमेशा दरिद्रता का सामना करता है।
जो लोग आवश्यकता से अधिक भोजन करते हैं वे दरिद्र हो जाते हैं क्योंकि आवश्यकता से अधिक भोजन का उपभोग करना व्यक्ति को गरीबी की ओर ले जाता है, साथ ही ऐसे व्यक्ति कभी स्वस्थ भी नहीं रहते हैं।
जो लोग अपनी वाणी में संयम नहीं रखते हैं या कठोर वाणी बोलते हैं, उनके पास लक्ष्मी जी कभी नहीं रुकती हैं। क्योंकि किसी दूसरे व्यक्ति के मन को ठेस पहुंचाने वाले लोगों से लक्ष्मी जी रुठ जाती हैं। ऐसे लोग गरीब हो जाते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने दांतो की साफ-सफाई नहीं करता है उसके पास कभी लक्ष्मी नहीं रुकती हैं। ऐसे लोगों से लक्ष्मी जी रुष्ट हो जाती हैं जिसके कारण व्यक्ति दरिद्र हो जाता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग अपने आस-पास स्वच्छता नहीं रखते हैं, और गंदे वस्त्र पहनते हैं ऐसे लोगों के पास कभी लक्ष्मी नहीं ठहरती हैं। ऐसे लोगों को समाज में मान-सम्मान भी नहीं मिलता है।
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