- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- Chanakya Niti : इंसान ...
धर्म-अध्यात्म
Chanakya Niti : इंसान अपना मान-सम्मान इस तरह का धन कमाकर खो देता है, जानिए
Bhumika Sahu
8 Sep 2021 1:30 AM GMT
![Chanakya Niti : इंसान अपना मान-सम्मान इस तरह का धन कमाकर खो देता है, जानिए Chanakya Niti : इंसान अपना मान-सम्मान इस तरह का धन कमाकर खो देता है, जानिए](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/09/08/1285707-chanakya-niti-.webp)
x
आचार्य चाणक्य को कौटिल्य भी कहा जाता था क्योंकि उन्होंने अपनी कुटिल और तीक्ष्ण बुद्धि का इस्तेमाल हमेशा जनकल्याण और सृजनात्मक कार्यों के लिए किया. धन को लेकर आचार्य ने काफी कुछ कहा है. उन बातों से आप भी सीख ले सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ होने के साथ आचार्य चाणक्य तमाम विषयों के ज्ञाता थे. आचार्य चाणक्य का असली नाम विष्णुगुप्त था, लेकिन आचार्य श्री चणक के शिष्य होने के कारण उन्हें चाणक्य के नाम से जाना जाने लगा. आचार्य चाणक्य ने अपने महाज्ञान का कुटिल सदुपयोग जनकल्याण, अखंड भारत के निर्माण और अन्य सृजनात्मक कार्यों को करने के किया था, इसलिए उन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है.
ये आचार्य की कुटिल और तीक्ष्ण बुद्धि का ही नतीजा था कि उन्होंने समूचे नंदवंश की जड़ों को उखाड़ फेंका और वहां की राजगद्दी पर सामान्य से बालक चन्द्रगुप्त मौर्य को बैठाकर सम्राट बना दिया. आचार्य ने जीवन में तमाम कठिन कार्य किए लेकिन कभी अपने आदर्शों और उसूलों से समझौता नहीं किया. उन्होंने अनेक रचनाएं भी कीं, जो आज भी लोगों का मार्गदर्शन करती हैं. आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में ऐसी तमाम बातों का जिक्र है जिनसे लोगों का हर तरह की परिस्थिति में मार्गदर्शन किया जा सकता है. यहां जानिए धन को लेकर आचार्य द्वारा कही गई कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में.
1. आत्मसम्मान खोकर कमाया गया धन होता है व्यर्थ
आचार्य चाणक्य का कहना था कि इंसान को कभी अपना आत्म सम्मान नहीं खोना चाहिए. जो धन कठोर यातनाओं को सहकर, शोषित होकर और अपने आत्म सम्मान को खोकर कमाया जाता है, वो व्यर्थ कहलाता है. ऐसा धन कमाने के चक्कर में व्यक्ति अपना सम्मान खो देता है. धन रहित जीवन से कहीं ज्यादा कठिन होता है सम्मानरहित जीवन. इसलिए इस तरह के धन का त्याग कर देना चाहिए.
2. धन के लिए उसूलों से समझौता करना पड़ता है महंगा
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को दो पैसे भी सिर्फ मेहनत से कमाने चाहिए. धन के प्रति न लालच रखना चाहिए और न ही इसको लेकर किसी से ईर्ष्या करनी चाहिए. अपनी काबिलियत पर यकीन रखिए और मेहनत कीजिए. जो लोग अपने उसूलों से समझौता करके, गलत मार्ग अपनाकर और सदाचार का त्याग करके धन कमाते हैं, वे वास्तव में धन के रूप में पाप कमाते हैं. ऐसा धन कमाना व्यक्ति को किसी दिन बहुत महंगा पड़ता है. साथ ही ऐसे लोगों को समाज में कोई मान सम्मान नहीं मिलता.
3. चापलूसी से अर्जित धन को त्यागना बेहतर
आचार्य चाणक्य का कहना था कि किसी भी परिस्थिति में अपने मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए. जो लोग चापलूसी करते हैं, उन लोगों के जीवन में कोई मूल्य ही नहीं होते. ऐसे लोग धन कितना भी कमा लें, लेकिन सच्चा सम्मान कभी नहीं कमा सकते. ऐसे धन को त्याग देना ही बेहतर है.
![Bhumika Sahu Bhumika Sahu](/images/authorplaceholder.jpg?type=1&v=2)
Bhumika Sahu
Next Story