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2 अप्रैल से आरंभ है चैत्र नवरात्रि, आप भूलकर भी न करें ये काम
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह का आरंभ हो चुका है। हर वर्ष सनातन धर्म के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नौ दिनों तक चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में वैसे तो सालभर में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि पड़ती है। चैत्र नवरात्रि का पर्व 2 अप्रैल से 11 अप्रैल तक मनाया जाएगा। चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से वो अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। साथ ही उनकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं। लेकिन चैत्र नवरात्रि के दौरान कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिसको भूलकर भी नहीं करने चाहिए अन्यथा माता दुर्गा नाराज हो सकती है। आइए जानते हैं क्या हैं वो कार्य
चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक व्रत रखने वाले जातकों को अपने दाढ़ी-मूंछ, या बाल नहीं कटवाने चहिए।
चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक व्रत रखने वाले जातकों को अपने दाढ़ी-मूंछ, या बाल नहीं कटवाने चहिए। यदि व्रत नहीं भी किया है लेकिन घर में यदि कलश की स्थापना की गई है तो भी परिवार के लोगों को इन चीजों से परहेज करना चाहिए।
नवरात्रि के दौरान घर में पूरे नौ दिन तक सात्विक भोजन बनना चाहिए।
नवरात्रि के दौरान घर में पूरे नौ दिन तक सात्विक भोजन बनना चाहिए, तामसिक भोजन जैसे मास-मदिरा या प्याज लहसुन से परहेज करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि के दौरान यदि किसी जातक ने उपवास रखा है तो उसे दिन में बिल्कुल सोना नहीं चाहिए।
चैत्र नवरात्रि के दौरान यदि किसी जातक ने उपवास रखा है तो उसे दिन में बिल्कुल सोना नहीं चाहिए।
चैत्र नवरात्रि के दौरान यदि किसी जातक ने उपवास रखा है तो उसे दिन में बिल्कुल सोना नहीं चाहिए बल्कि माता की भक्ति में ध्यान लगाना चाहिए।
नवरात्र व्रत करने वाले जातकों नवरात्रि के दौरान चमड़े की वस्तु जैसे बेल्ट, जूते, चप्पल या पर्स आदि धारण नहीं करने चाहिए।
नवरात्र व्रत करने वाले जातकों नवरात्रि के दौरान चमड़े की वस्तु जैसे बेल्ट, जूते, चप्पल या पर्स आदि धारण नहीं करने चाहिए और न ही मंदिर के आसपास ऐसे कोई वस्तु रखनी चाहिए।