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Chaitra Navratri 2021 Date: चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से प्रारंभ... जानें तिथि, घटस्थापना मुहूर्त और व्रत विधि

Deepa Sahu
26 March 2021 2:46 PM GMT
Chaitra Navratri 2021 Date: चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से प्रारंभ... जानें तिथि, घटस्थापना मुहूर्त और व्रत विधि
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त्योहार चैत्र नवरात्रि

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: होली के बाद हिन्दू धर्म का एक मुख्य त्योहार आने वाला है और यह त्योहार चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2021) है। मां नवदुर्गे का यह त्योहार बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है। भक्त के भक्त इन नौ दिनों तक नवरात्रि का व्रत रखकर मां आदिशक्ति की उपासना करते हैं। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि कब से शुरू होगी। चैत्र नवरात्रि व्रत कब से है?

चैत्र नवरात्रि का पर्व प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर नवमी तिथि तक चलता है। इस वर्ष यह तिथि 13 अप्रैल को पड़ रही है। इसलिए नवरात्रि पर्व 13 अप्रैल से प्रारंभ होगा जो 22 अप्रैल 2021 को समाप्त होगा। नवरात्रि पारण के साथ ही इस व्रत का समापन होता है।
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
शुभ मुहूर्त- 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक
शुभ मुहूर्त की अवधि- 04 घंटे 15 मिनट
चैत्र नवरात्रि 2021 तिथियां
नवरात्रि तारीख माता
नवरात्रि का पहला दिन 13 अप्रैल 2021 शैलपुत्री
नवरात्रि का दूसरा दिन 14 अप्रैल 2021 ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि का तीसरा दिन 15 अप्रैल 2021 चंद्रघंटा
नवरात्रि का चौथा दिन 16 अप्रैल 2021 कूष्मांडा
नवरात्रि का पांचवां दिन 17 अप्रैल 2021 स्कंदमाता
नवरात्रि का छठा दिन 18 अप्रैल 2021 कात्यायनी
नवरात्रि का सातवां दिन 19 अप्रैल 2021 कालरात्रि
नवरात्रि का आठवां दिन 20 अप्रैल 2021 महागौरी
नवरात्रि का नौवां दिन 21 अप्रैल 2021 सिद्धिदात्री
नवरात्रि का दसवां दिन 22 अप्रैल 2021 व्रत पारण
घटस्थापना विधि
सबसे पहले एक पात्र लें। उस पात्र में मिट्टी बिछाएं। फिर पात्र में रखी मिट्टी पर जौ के बीज डालकर उसके ऊपर मिट्टी डालें।
अब इसमें थोड़े-से पानी का छिड़काव करें। अब एक कलश लें। इस पर स्वस्तिक बनाएं।
फिर मौली या कलावा बांधें। इसके बाद कलश को गंगाजल और शुद्ध जल से भरें।
इसमें साबुत सुपारी, फूल और दूर्वा डालें। साथ ही इत्र, पंचरत्न और सिक्का भी डालें।
इसके मुंह के चारों ओर आम के पत्ते लगाएं। कलश के ढक्कन पर चावल डालें।
देवी का ध्यान करते हुए कलश का ढक्कन लगाएं। अब एक नारियल लेकर उस पर कलावा बांधें।
कुमकुम से नारियल पर तिलक लगाकर नारियल को कलश के ऊपर रखें। नारियल को पूर्व दिशा में रखें।
कलश पर स्वास्तिक का चिह्न जरूर बनाएं।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बड़ा महत्व है। मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए नवरात्रि में माता के नौ रूपों की आराधना की जाती है। उनके लिए व्रत रखा जाता है। धार्मिक पक्ष के अलावा देखें तो नवरात्रि का यह पावन पर्व नारीशक्ति का प्रतीक है। चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ हो जाती है। इस दिन से हिन्दू नव वर्ष भी प्रारंभ होता है। शास्त्रों की माने तो इसी तिशि को इस सृष्टि का जन्म हुआ था। इसके अलावा नवरात्र का नवमी तिथि बेहद ही महत्वपूर्ण है। कहते हैं त्रेतायुग में इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। उन्होंने समस्त संसार को मर्यादा में रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कैसे करना है इसका पाठ पढ़ाया था।


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