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सनातन धर्म में व्रत त्योहारों को खास माना गया हैं लेकिन तीज अपने आप में विशेष मानी जाती हैं वैसे तो साल में कुल तीन तीज का व्रत किया जाता हैं जिसमें कजरी तीज, हरतालिका तीज और हरियाली तीज आती हैं लेकिन इनमें कजरी तीज के व्रत को विशेष बताया गया हैं जो कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर किया जाता हैं कजरी तीज व्रत पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत की कामना से किया जाता हैं।
इसे सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता हैं इस दिन शिव पार्वती की पूजा का विधान होता हैं। कजरी तीज पर सुहागिनें पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से व्रत पूजन करती हैं। लेकिन क्या कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को कर सकती हैं, तो आज हम इसी विषय पर बात कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
क्या कुंवारी कन्याएं भी कर सकती हैं कजरी तीज व्रत—
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार कजरी तीज का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होता हैं जितना की सुहागिनों के लिए माना जाता हैं। कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को सुयोग्य, सुंदर और मनचाहा वर पाने की कामना से कर सकती हैं।
जिन कन्याओं की शादी किसी कारणवश नहीं हो पा रही हैं या फिर विवाह में देरी हो रही हैं कोई अड़चन आ रही हैं तो ऐसे में कुंवारी कन्याएं इस व्रत को कर सकती हैं माना जाता हैं कि कजरी तीज का व्रत अगर विधि विधान से किया जाए तो शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं। कजरी तीज का व्रत शिव पार्वती की पूजा को समर्पित होता हैं ऐसे में इस दिन अगर सच्चे मन से गौरी शंकर की आराधना व सेवा की जाए तो मनोकामना जल्द ही पूरी हो जाती हैं।
Tara Tandi
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