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धर्म-अध्यात्म
मां कालरात्रि उपासना से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण
Teja
8 April 2022 11:36 AM GMT

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नवरात्रि में सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि की उपासना से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नवरात्रि में सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि की उपासना से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां कालरात्रि सदैव शुभ फल प्रदान करने वाली और बहुत दयालु है। मां, दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि मां का स्मरण करने मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। मां ग्रह-बाधाओं को दूर करती हैं। मां के भक्त हर भय से मुक्त हो जाते हैं।
मां कालरात्रि ने मधु कैटभ और रक्तबीज का वध किया था। मां के उपासक को अकाल मृत्यु नहीं आती है। मां कालरात्रि को लाल रंग अति प्रिय है। पूजा के समय मां को लाल गुलाब या गुड़हल का पुष्प अर्पित करें और उनकी पसंद का भोग लगाएं। मां की उपासना के बाद ब्राह्मणों को दान दें, ऐसा करने से संकटों से रक्षा होती है। मां कालरात्रि को गुड़ से बने गुलगुले का भोग लगाएं। मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। रोली कुमकुम लगाएं। मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें। मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं। मां के स्मरण करने मात्र से भक्त पुण्य का भागी बन जाता है। इसी कारण मां को शुभंकारी भी कहा जाता है।
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