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धर्म-अध्यात्म
चैत्र पूर्णिमा इस दिन व्रत पूजन करने से मिट जाएंगे सारे कष्ट
Tara Tandi
7 April 2024 7:00 AM GMT
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ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी चैत्र मास चल रहा है और इस माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा मनाया जाता है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की एक साथ पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्ट दूर हो जाते हैं।
इस दिन भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने व उनका आशीर्वाद पाने के लिए दिनभर का उपवास रखते हैं और विधि विधान से पूजा करते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से धन प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चैत्र पूर्णिमा की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
चैत्र पूर्णिमा की तारीख और मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 23 अप्रेल की सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन अगले दिन यानी 24 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में चैत्र पूर्णिमा का पर्व 23 अप्रैल को मनाया जाएगा। आपको बता दें कि चैत्र पूर्णिमा पर स्नान दान का शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह बजकर 20 मिनट से लेकर 5 बजकर 4 मिनट तक प्राप्त हो रहा है इस मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान व पूजा पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और धन लाभ का आशीर्वाद मिलता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा कर कथा जरूर पढ़नी चाहिए। साथ ही लक्ष्मी साधना भी करें ऐसा करने से भगवान की कृपा बरसती है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
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Tara Tandi
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