धर्म-अध्यात्म

गुरुवार को इस आरती का ध्यान करने से सभी देवताओं की आरती करने का पुण्य प्राप्त मिलेगा

Bhumika Sahu
27 Oct 2022 5:24 AM GMT
गुरुवार को इस आरती का ध्यान करने से सभी देवताओं की आरती करने का पुण्य प्राप्त मिलेगा
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सभी देवताओं की आरती करने का पुण्य प्राप्त मिलेगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की साधना आराधना को समर्पित होता है वही गुरुवार का दिन भगवान श्री नारायण की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना उत्तम होता है भक्त आज के दिन भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं
मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ में अगर श्री हरि विष्णु की संपूर्ण आरती का पाठ किया जाए तो भगवान विष्णु के साथ साथ सभी देवी देवताओं की आरती का पूर्ण फल भक्तों को प्राप्त होता है ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए है भगवान विष्णु की प्रिय आरती पाठ, तो आइए जानते हैं।
श्री हरि विष्णु की आरती—
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
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