धर्म-अध्यात्म

महाशिवरात्र‍ि पर इस उपाय करने से मिलेगा भगवान श‍िव का आशीर्वाद

Teja
21 Feb 2022 11:27 AM GMT
महाशिवरात्र‍ि पर इस उपाय करने से मिलेगा भगवान श‍िव का आशीर्वाद
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शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का महान पर्व है. माघ महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का महान पर्व है. माघ महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है. हालांकि उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन के महीने में मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है. दोनों कैलेंडरों में यह चंद्र मास की नामकरण परंपरा है, जो भिन्‍न-भिन्‍न है. हालांकि, उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय दोनों, एक ही दिन महा शिवरात्रि मनाते हैं. इस बार महा श‍िवरात्र‍ि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी.

व्रत विध‍ि
शिवरात्रि व्रत से एक दिन पहले, त्रयोदशी पर भक्तों को केवल एक बार भोजन करना चाहिए. शिवरात्रि के दिन, सुबह की क्र‍िया (स्‍नान) पूरी करने के बाद भक्तों को शिवरात्रि पर पूरे दिन का उपवास रखने और अगले दिन भोजन करने के लिए संकल्प लेना चाहिए. संकल्प के दौरान भक्त उपवास की अवधि पूरा करने के लिये भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं.
श‍िवरात्र‍ि के दिन जातक दो बार स्‍नान करते हैं. एक बार सुबह और दूसरी बार शाम में श‍िव पूजन से पहले या मंद‍िर जाने से पूर्व. श‍िवरात्र‍ि के मौके पर भगवान श‍िव पूजा रात्र‍ि में होती है. पूरे दिन और रात उपवास करने के बाद श‍िव भक्‍त अगले दिन सूर्योदय होने और चतुर्दशी तिथ‍ि समाप्‍त होने से पहले व्रत खोलते हैं. ऐसी मान्‍यता है कि इससे भक्‍तों को ज्‍यादा लाभ प्राप्‍त होता है. हालांकि कुछ जगहों पर ऐसी मान्‍यता है कि चतुर्दशी तिथ‍ि समाप्‍त होने के बाद उपवास खोलना चाहिए. लेकिन वास्‍तविक मान्‍यता यही है कि शिव पूजन और पारण (Shiva Puja and Parana) चतुर्दशी तिथ‍ि में ही की जाती है.
चार पहर की पूजा :
शिवरात्रि पूजा रात में एक या चार बार की जा सकती है. चार बार शिव पूजा करने के लिए चार प्रहर (प्रहर) प्राप्त करने के लिए पूरी रात की अवधि को चार में विभाजित किया जा सकता है. शिव भक्तों के लिए सभी चार प्रहर अवधियों को सूचीबद्ध कर हम यहां दे रहे हैं.
1. रात्र‍ि प्रहर पूजा : शाम 06:21 से रात्र‍ि 09:27 बजे तक
2. रात्र‍ि प्रहर पूजा : रात्र‍ि 09:27 से रात्र‍ि 12:33 (02 मार्च)
3. रात्र‍ि प्रहर पूजा : रात्र‍ि 12:33 से सुबह 03:39 बजे तक (02 मार्च)
4. रात्र‍ि प्रहर पूजा : सुबह 03:39 बजे से 06:45 बजे तक (02 मार्च)



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