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इस मंत्र के जाप से मिलता है संपूर्ण श्रीमद्भागवत पढ़ने का फल
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्रीमद भागवत का पाठ करने से पुण्य मिलता है और पाप का नाश होता है. कहते हैं कि भागवत का रोजाना पाठ करने से मनुष्य को सभी प्रकार की समस्याओं का हल करने की ताकत प्राप्त होती है. साथ ही उसके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है. अगर आपके पास इतना समय नहीं है कि आप भागवत पढ़ सकें तो रोजाना सिर्फ एक मंत्र का जाप करने से भी आपको संपूर्ण श्रीमद्भागवत पढ़ने का फल मिल सकता है. आइए जानें इस एक मंत्र के बारे में.
श्लोकरूपी भागवत मंत्र
आदौ देवकी देव गर्भजननं, गोपी गृहे वद्र्धनम्।
माया पूज निकासु ताप हरणं गौवद्र्धनोधरणम्।।
कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्।
एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्।।
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।
क्या है मंत्र का अर्थ
बता दें कि इसका अर्थ है भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के गर्भ में जन्म लिया, गोपी-ग्वालों के साथ बड़े हुए, पूतना का संहार किया, गोवर्धन पर्वत को धारण किया, कंस का वध किया, कुंती पुत्र यानी पांडवों की रक्षा की, कौरवों का नाश किया इस प्रकार कृष्ण ने संसार में अपनी लीलाएं रची.
एक श्लोकी मंत्र जाप करने की विधि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस एक श्लोकी मंत्र का जाप बेहद शुभ फलदायी साबित होता है. शास्त्रों के अनुसार अगर विधिपूर्वक इस मंत्र का जाप किया जाए, तो व्यक्ति को जीवन में वे सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती है, जिसका वे हकदार है. इतना ही नहीं, व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाने में भी ये मंत्र बहुत शुभ फलदायी माना गया है.अगर आप भी इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं, तो सुबह उठकर स्नान आदि के बाद भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें. इसके बाद इस मंत्र के जाप के लिए तुलसी की माला का प्रयोग करें. कहते हैं कि अगर ये मंत्र जाप तुलसी की माला से किया जाए, तो ये विशेष फलदायी साबित होता है. हर दिन पांच माला जाप फलदायी बताया गया है.