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- वास्तु नियम का ध्यान...
वास्तु नियम : घर जीवन में केवल एक बार ही बनता है। घर को बनवाते समय आपको बहुत शांति और धैर्य से कुछ वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए। घर बनाने से पहले वास्तु के कुछ नियमों का ख्याल रखना चाहिए। घर बनवाते समय वास्तु नियमों को ध्यान में रखें ताकि उस घर या अपार्टमेंट में रहने पर आपको किसी नुकसान या परेशानी का सामना न करना पड़े। जी अगर वास्तु नियम के अनुसार घर न बनाया जाये तो वास्तु दोष का सामना करना पड़ता है। जिससे घर में कई परेशनी आती है .तो जानिये कैसे बनाये घर।
शौचालय: घर में शौचालय और स्नानघर अलग-अलग जगह पर होने चाहिए। शौचालय कभी भी ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व या ब्रह्मस्थान यानी उसके केंद्र बिंदु पर नहीं बनाना चाहिए। शौचालय के लिए उचित स्थान नैऋत्य यानी नैऋत्य कोण है।
स्नानघर: बाथरूम के लिए सबसे उपयुक्त स्थान पूर्व दिशा है, नाली उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए। गीजर दक्षिण-पूर्व दिशा में ही लगाना चाहिए।
स्टोर रूम: भोजन एवं अन्य वस्तुओं का भंडारण ईशान अर्थात उत्तर एवं पूर्व के मध्य में करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि स्टोरेज बहुत ज्यादा न हो. जब धन संचय करने का स्थान उत्तर दिशा में बनाया जाता है।
भोजन कक्ष: भोजन कक्ष के लिए सबसे उपयुक्त स्थान पश्चिम दिशा है।
अध्ययन कक्ष: अध्ययन कक्ष यदि दक्षिण-पश्चिम दिशा के मध्य अर्थात दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाया जाए तो सर्वोत्तम है। यहां स्टडी रूम होने से बच्चे काफी देर तक बैठेंगे और पढ़ाई में रुचि लेंगे। यदि यहां स्थान न हो तो उत्तर दिशा में भी अध्ययन कक्ष बनाया जा सकता है।
सोने का कमरा: घर के मालिक का शयनकक्ष दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। एक बात का ध्यान रखें कि सोते समय आपका सिर दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए, आपका सिर पूर्व दिशा की ओर भी हो सकता है।