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- इस दिशा में लगाए पीतल...
सौरमंडल, वास्तुपुरुष मंडल, नक्षत्र मंडल, और ग्रह मंडल की सुजीवनी शक्तियों के साथ संवाद करने के लिए किया जाता है. पीतल का इस्तेमाल घर के वास्तुदोषों को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है. यह धातु आत्मा की शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा को आत्मसात करने में मदद करती है, जिससे निवासस्थल में शांति और सुख-शांति का आभास होता है. पीतल का सूर्य वास्तु शास्त्र में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यह आग, ऊर्जा, जीवन शक्ति, आत्मविश्वास, नेतृत्व और सफलता का प्रतीक है.
पीतल का सूर्य घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है.
यह घर के सदस्यों को स्वास्थ्य, धन और समृद्धि प्रदान करता है.
यह घर के सदस्यों को बुरी नजर से बचाता है.
यह घर में शांति और समृद्धि लाता है.
वास्तु के अनुसार, पीतल का सूर्य घर में पूर्व दिशा में रखना सबसे अच्छा होता है. पूर्व दिशा उगते सूरज की दिशा है, जो नई शुरुआत, विकास और समृद्धि से जुड़ी है.
पीतल का सूर्य घर के मुख्य द्वार के सामने भी रखा जा सकता है. यह घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है.