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धर्म-अध्यात्म
प्रेत काल में आधी रात को भूलकर भी नहीं बनाए जन्मदिन, होता है अशुभ कार्य
Tulsi Rao
12 May 2022 6:50 PM GMT
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज-कल आधी रात में जन्मदिन और शादी की सालगिरह की शुभकामनाएं देने का ट्रेंड सा बन गया है। चाहे दोस्त, रिश्तेदार, जीवनसाथी, भाई-बहन और यहां तक कि माता-पिता भी अपने बच्चों का रात को 12 बजे जन्मदिन मनाते हैं। वे आधी रात में केक काटते हैं और बर्थडे सेलिब्रेट करते हैं। क्या आपको पता है कि शास्त्रों के अनुसार आधी रात को जन्मदिन नहीं मनाना चाहिए। जन्मदिन तो क्या रात को 12 से 3 बजे कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। जानिए क्यों मध्य रात्रि में किसी का बर्थडे सेलिब्रेट करने और केक काटने के लिए मना किया जाता है।
आधी रात को होता है प्रेत काल
मध्य रात्रि यानी आधी रात को निशीथ काल यानी प्रेत अथवा पिशाच काल माना जाता है। रात को 12 से 3 बजे का समय भूत-प्रेतों का होता है। उस समय नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है। प्रेत-आत्माएं शक्तिशाली होती हैं।
शास्त्रों में प्रेत काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही है। अगर मध्य रात्रि में कोई शुभ कार्य करते हैं, तो उसका फल नहीं मिलता है। उलटी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। नकारात्मक ऊर्जा आपके जीवन में प्रवेश कर सकती है।
इसलिए पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मध्य रात्रि में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।
जन्मदिन या सालगिरह पर खुशियों का दिन होता है। आधी रात में बर्थडे सेलिब्रेट नहीं करना चाहिए। कुछ लोग आधी रात में जन्मदिन मनाते हुए शराब पार्टी भी करते हैं। शराब से नकारात्मक ऊर्जा जल्दी आकर्षित होती है। इसलिए आधी रात में किसी तरह का जश्न नहीं करना चाहिए।
जन्मदिन पर क्या करें?
अगर आपका या आपके किसी खास का जन्मदिन है तो उसे मध्य रात्रि में न मनाएं। आप भले ही अपने दोस्त, रिश्तेदार या करीबी को रात को 12 बजे बर्थडे विश कर दें। मगर केक कटिंग या पार्टी आधी रात में न करें। इससे अच्छा कि आप सुबह उठकर जल्दी उन्हें अच्छा सा सरप्राइज दें। इससे बर्थडे बॉय या गर्ल का पूरा दिन भी अच्छे से बीतेगा और बर्थडे पर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
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