धर्म-अध्यात्म

बिजली महादेव मंदिर: यहां हर 12 साल के बाद होता है बड़ा चमत्कार, जानें कैसे आसमानी बिजली से टूटकर जुड़ जाता है शिवलिंग

Rani Sahu
28 July 2021 5:55 PM GMT
बिजली महादेव मंदिर: यहां हर 12 साल के बाद होता है बड़ा चमत्कार, जानें कैसे आसमानी बिजली से टूटकर जुड़ जाता है शिवलिंग
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कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव कण–कण में व्याप्त हैं

कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव कण–कण में व्याप्त हैं. देश में कई ऐसे पावन शिवधाम हैं, जो चमत्कारों से भरे पड़े हैं. इन्हीं में से एक है हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित बिजली महादेव. लगभग 2,460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस शिव मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर हर साल शिवलिंग पर बिजली गिरती है. चमत्कार सिर्फ इतना भर नहीं है बल्कि यह शिवलिंग जुड़ भी जाता है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है इस शिवलिंग का रहस्य, जिसे जानने के लिए देश ही नहीं दुनिया भर के लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं –

मंदिर से जुड़ी मान्यता
हिमाचाल में स्थित शिव के इस पावन धाम के बारे में लोगों का मानना है कि यहां पर कई हजार साल पहले कुलान्तक नाम का दैत्य रहा करता था. एक बार अजगर की तरह दिखने वाले इस दैत्य ने जब ब्यास नदी के प्रवाह को रोककर घाटी को जलमग्न करना चाहा था. जब यह बात भगवान महादेव को मालूम चली तो उन्होंने अपने त्रिशूल से कुलांतक का वध कर दिया. मान्यता है कि मरने के बाद कुलांतक का शरीर एक पहाड़ में बदल गया. मान्यता है कि कुलांतक के नाम का अपभ्रंश ही कुल्लू है. बहरहाल, शिव ने उस दैत्य का वध करने के बाद इंद्र देव को आदेश दिया कि इस दैत्य के शरीर पर हर 12 साल बाद यहां पर आकाशीय बिजली गिराए. तब से आज तक यह परंपरा चमत्कारिक रूप से बनी हुई है. आश्चर्य किंतु सत्य कल्याण के देवता इस वज्रपात को भी अपने ​ऊपर ही लेते हैं और हर 12 साल बाद बिजली गिरने से शिवलिंग टूट जाता है, वहीं ​कहीं किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. जिस तरह भगवान शिव ने विष पीकर प्रा​णियों की रक्षा की और नीलकंठ कहलाए कुछ वैसे ही यहां पर स्वयं अपने उपर वज्रपात सहकर बिजली महादेव कहलाते हैं.
ऐसा जुड़ता है शिवलिंग
प्रत्येक 12 साल बाद शिवलिंग के टूटने की घटना के बाद मंदिर के पुजारी दोबारा से उसे मक्खन से जोड़कर स्थापित कर देते हैं और एक बार फिर महादेव का विधि–विधान से पूजन–अर्चन शुरु हो जाता है. श्रावण मास में दूर–दूर से भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए यहां पर आते हैं.


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