धर्म-अध्यात्म

रविवार के दिन बटुक भैरव की पूजा के बड़े लाभ

Bhumika Sahu
6 March 2022 7:16 AM GMT
रविवार के दिन बटुक भैरव की पूजा के बड़े लाभ
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जीवन में एक बार कोर्ट-कचहरी का चक्कर लग जाए तो जल्दी खत्म होने का नाम नहीं लेता है. यदि आपके साथ भी कुछ ऐसी ही परेशानी जुड़ी हुई है और आप शीघ्र ही अदालती मामलों में जीत की कामना रखते हैं तो आपके लिए भगवान बटुक भैरव की साधना सर्वोत्तम उपाय है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू (Hindu) धर्म में रविवार और मंगलवार का दिन भगवान बटुक भैरव (Lord Batuk Bhairava) की पूजा के लिए सुनिश्चित किया गया है, लेकिन इसमें रविवार (Sunday) का दिन अत्यंत ही शुभ माना गया है. मान्यता कि रविवार के दिन भगवान बटुक भैरव की पूजा करने से साधक के जीवन से जुड़े सारे कष्ट दूर होते हैं और उसे बल, बुद्धि, विद्या, मान–सम्मान आदि की प्राप्ति होती है. सभी तरह की आपदाओं से बाहर निकालने वाले भगवान भैरव के बारे में मान्यता है कि उनकी साधना करनेपर जीवन से जुड़ा भी कैसा ही भय वह उनकी पूजा से सदा के लिए दूर हो जाता है. आइए भगवान भैरव की साधना–आराधना से जुड़े दूसरे बड़े लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं.

कौन हैं भगवान बटुक भैरव
पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में एक आपद् नाम के राक्षस था. जिसने कठोर तपस्या करके ऐसा वर प्राप्त कर लिया था, जिसमें उसकी मृत्यु मात्र पांच साल के बालक से ही संभव थी और उसे कोई भी व्यक्ति नहीं मार सकता था. इस वर को पाने के बाद उसने तीनों लोकों में अपना आतंक फैला दिया. मान्यता है कि जब देवतागण इस समस्या का समाधान खोजने में जुटे थे, तभी उन सभी देवताओं के शरीर से एक–एक तेजोधारा निकली और उससे एक पंचवर्षीय बटुक की उत्पत्ति हुई. उस अद्भुत तेज वाले बटुक ने बाद में आपद् नामक राक्षस का वध किया और आपदुद्धारक बटुक भैरव के नाम से जाने गये.
अदालती मामलोंं में विजय पाने के लिए
यदि आप किसी बड़ी विपदा में फंसे हुए हैं तो उससे बचने के लिए भगवान भैरव की साधना किसी वरदान से कम नहीं है. भगवान भैरव की पूजा से आपके जीवन से जुड़ी शत्रु बाधा शीघ्र ही दूर होती है. विशेष रूप से यदि आप किसी कोर्ट–कचहरी के मामले में बुरी तरह से फंस गए हैं और आपको हमेशा विरोधी पक्ष से भय बना रहता है तो आपके लिए भगवान बटुक भैरव की साधना वरदान साबित होगी. रविवार के दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान भैरव की साधना करने पर न सिर्फ आपको शीघ्र ही अदालती मामलों से मुक्ति मिलेगी बल्कि शत्रुओं से जुड़ा भय भी दूर होगा.
कैसे करें भगवान बटुक भैरव की पूजा
भगवान बटुक भैरव की पूजा के लिए रविवार के दिन पूरे विधि–विधान से उनके नाम का व्रत रखें. रविवार के दिन स्नान–ध्यान के बाद भगवान बटुक भैरव के व्रत का संकल्प लें और उसके बाद लला कनेर एवं गुड़हल की माला अर्पित करके उनकी पूजा करें. भगवान बटुक भैरव को प्रसाद में खीर, आटे या मावे के लड्डू, पुए, बेसन के लड्डू आदि पकवान चढ़ा सकते हैं. पूजा के बाद किसी ब्राह्मण को भोजन भी कराएं. व्रती को पूजा में चढ़ाए गए प्रसाद का दिन भर में एक बार सेवन करना चाहिए.
भगवान भैरव की पूजा का उपाय
भगवान भैरव का आशीर्वाद पाने या फिर कहें अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए रविवार के दिन किसी भैरव मंदिर में जाकर गाय के घी से बने दिए से दीपदान करना चाहिए. साथ ही साथ कुत्ते को भोजन देना चाहिए और भूलकर भी कुत्ते को परेशान नहीं करना चाहिए.


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