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पाकिस्तान से मूर्ति लाए थे भीम, बस, बेरी में ही ठहर गईं कुल देवी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shree mata Bheemeshvari Devi Mandir, Haryana: श्री माता भीमेश्वरी देवी का मंदिर बेहद अनोखा है. खबरों के मुताबिक इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से है. हरियाणा के झज्जर जिले के बेरी में स्थिति इस मंदिर की खासियत है कि यहां मूर्ति केवल एक है लेकिन मंदिर दो हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में रखी मूर्ति को पांडु पुत्र भीम लेकर आए थे.
पाकिस्तान से मूर्ति लाए थे भीम
मान्यता है कि जब महाभारत युद्ध शुरू होने वाला था तो भगवान कृष्ण ने भीम को कुल देवी से आशीर्वाद लेने भेजा. कुल देवी हिंगलाज पर्वत (अब पाकिस्तान में है यह पर्वत) पर विराजमान थी. भीम वहां पहुंचे और कुल देवी से साथ में चलने का आग्रह किया, तब कुल देवी ने कहा कि तुम मुझे गोद में लेकर चलोगे और जहां उतारोगे मैं उससे आगे ही नहीं बढूंगी. भीम ने यह बात स्वीकार कर ली और हिंगलाज पर्वत से मां कुल देवी को लेकर निकल पड़े.
बस, बेरी में ही ठहर गईं कुल देवी
चलते-चलते भीम हरियाणा के बेरी कस्बे से गुजरे और वहां उन्होंने लघुशंका जाने के लिए कुल देवी को उतारा. लेकिन जब दोबारा उठाने की कोशिश की तो मां ने शर्त याद दिला दी. तब से ही मां बेरी में ही हैं. इसके बाद भीम ने बेरी में मंदिर बनाकर मां को स्थापित किया और कुरुक्षेत्र की ओर रवाना हो गए. साथ ही इस मंदिर को श्री माता भीमेश्वरी देवी के नाम से जाना जाने लगा.
मूर्ति एक और मंदिर दो होने की वजह?
मां भीमेश्वरी देवी की मूर्ति भले ही एक है लेकिन इसके लिए दो मंदिर बनाए गए हैं. दरअसल, मां रात में अंदर वाले मंदिर में विश्राम करती हूं और दिन में भक्तों को दर्शन देने के लिए बाहर वाले मंदिर में विराजती हैं. मान्यता है कि अंदर वाला मंदिर ऋषि दुर्वासा का आश्रम है, ऋषि ने मां से आग्रह किया था कि वे उनके आश्रम में भी आएं इसलिए मां रोज रात में वहीं विश्राम करती हैं.