धर्म-अध्यात्म

भाई दूज , जानिए तिलक लगाने का महत्व

jantaserishta.com
15 Nov 2023 12:24 PM GMT
भाई दूज , जानिए तिलक लगाने का महत्व
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भाई-बहन के स्नेह और प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व इस साल 15 नवंबर 2023 को है। पांच दिवसीय दीपोत्सव के अंतिम दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाने की परंपरा है। कहा जाता है कि इस दिन यमुना ने अपने भाई रतालू को घर पर आमंत्रित किया था और साकर के साथ उनका स्वागत किया था, तभी से यह त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भाई को कमेंट करना सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसे में आइए जानते हैं भाई को टीका का शुभ अभिषेक, महत्व और कथा के बारे में…
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भाई दूज 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल द्वितीया तिथि 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजे 36 मिनट से शुरू होकर 15 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजे 47 मिनट तक रहेगा। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए भाई दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जा रहा है, लेकिन कई जगहों पर यह पर्व 14 नवंबर को भी मनाया जाता था।

टीका का शुभ मुहूर्त
15 नवंबर को भाई को तिलक करने का उत्सव 10 बजे 40 मिनट से दोपहर 12 बजे तक है।

तिलक करने की विधि
कहा जाता है कि भाई दूज के दिन यम अपनी बहन के घर भोजन करने जाते थे। ऐसे में भाइयों को अपनी बहन के लिए जाना चाहिए।
वहीं कुंवारी लड़कियों के घर पर ही भाई का तिलक करें।
भाई दूज के दिन सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करते हुए पूजा करें।
वहीं भाई का तिलक करने के लिए सबसे पहले थाली तैयार करें जिसमें रोली, अक्षत और गोला-बारूद शामिल हो।
खरीदें भाई का तिलक और नारियल का गोला भाई को भेजें।
फिर प्रेम अंकल भाई को मनपसंद का खाना करवाते हैं।
उसके बाद भाई अपनी बहन से आशीर्वाद लें और उन्हें पर्यावरणीय स्वरूप कुछ उपहार अवश्य दें।

भाई दूज का महत्व
भाई दूज का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि यह आदिवासियों और आदिवासियों के बीच के प्रेम और उपहार का प्रतीक है। भाई दूज पर बहनें अपने भाई के तिलक पर हल्दी और रोली का लगाती हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि भाई बहन यमुना नदी के किनारे भोजन करते हैं तो जीवन में समृद्धि आती है। इस दिन भाई को तिलक करने से उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता।

तिलक समय ध्यान दें ये बातें
भाई दूज के दिन बहन का तिलक करने का समय भाई का मुख उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम में किसी एक दिशा में होना चाहिए और बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व में होना चाहिए।

भाई दूज के दिन भूलकर भी भाई-बहन न करें ये काम
भाई दूज के दिन किसी भी समय तिलक न करें। इस दिन शुभ माहोर्तो का ध्यान अवश्य रखें।
इस दिन भाई और बहन दोनों हैं काले रंग के कपड़े न जरूरी।
भाई को तिलक करने तक देशभक्ति को कुछ खाना-पीना नहीं चाहिए।
भाई दूज के दिन भाई-बहन को एक-दूसरे से झूठ नहीं बोलना चाहिए।
इस दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से यम के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

भाई दूर है तो बहनें ऐसे करें पूजा
अगर भाई दूज के दिन भाई-बहन दूर हैं तो बहनें सूर्योदय से पहले स्नान कर लें।
आपके भी भाई आपसे दूर हैं समान संख्या में नारियल के खिलौने लेकर।
फिर फैक्ट्री पर पीले रंग के कपड़े उतारकर वहां उन गोलों को स्थापित कर दिया गया।
फूलों के ऊपर चावल की ईंटें उस पर गोलों को रख दें।
बाद में गोलों को गंगाजल से स्नान, रोली और चावल से तिलक करें।
पूजा के भगवान का भोग स्थान। बाद में उन नारियल के गोलों की आरती उतारें।
आरती के बाद उन्हें पीले रंग के कपड़ों से बूढ़ा कर शाम तक छोड़ दें।
पूजा के बाद अपने भाई की लंबी आयु और कष्टों से मुक्ति के लिए यमराज से प्रार्थना करें।
अगले दिन नारियल के उन गोलों को पूजा स्थल से निकालकर अपने पास सुरक्षित रख लें।
यदि संभव हो तो गोलों को भाई के पास भेजें।

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