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वास्तु दोष को दूर करने के लिए सर्वोत्तम उपाय
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चौदस, रूप चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चौदस, रूप चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाती है। यह दिन सभी प्रकार के दोषों को मिटाने के लिए सर्वोत्तम माना गया है। घर में अगर वास्तु दोष हैं तो इस दिन कुछ उपाय कर इन दोषों को समाप्त किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले विशेष उपायों के बारे में।
इस दिन घर या प्रतिष्ठान की सफाई अवश्य करनी चाहिए। इस दिन तेल का दीपक जलाने से नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है। नरक चतुदर्शी के दिन बाल रूप में हनुमान जी की पूजा करें। नरक चतुदर्शी पर बाल हनुमान का चित्र घर में दक्षिण दिशा की दीवार पर लगाएं। ऐसा करने से घर के वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। इस दिन घर में उत्तर दिशा की दीवार पर माता लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर का चित्र स्थापित करें। ऐसा करने से घर धन धान्य से परिपूर्ण रहेगा। कार्यस्थल में नकारात्मक ऊर्जा है तो कार्यस्थल पर भगवान श्रीगणेश के वक्रतुंड रूप को स्थापित करें। ध्यान रखें कि इनका मुख दक्षिण की तरफ नहीं होना चाहिए। नरक चतुदर्शी के दिन सरसों के तेल और घी के दीए से काजल बनाकर लगाना चाहिए। यह काजल अपने घर के मुख्य द्वार पर भी लगाएं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश रुक जाता है। नरक चतुदर्शी के दिन दिया गया दान बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन को रूप चौदस भी कहते हैं। इस दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उबटन लगाकर और जल में नीम के पत्ते डालकर स्नान करें। प्रात: स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य प्रदान करें। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। उनकी पूजा से सभी संताप मिट जाते हैं। इस दिन यमदेव की पूजा के बाद शाम को घर की दहलीज पर उनके निमित्त दीप जलाएं जाते हैं, ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी किसी भी जीव को प्रताड़ित न करें। नरक चतुर्दशी पर तेल का दान नहीं करना चाहिए। इस दिन भूलकर भी झाड़ू पर पैर न लगे और ना ही झाड़ू को खड़ा करके रखें।
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Teja
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