धर्म-अध्यात्म

पत्‍नी-बच्‍चों के सामने करें अच्‍छा व्‍यवहार, अमर्यादित शब्‍दों का न करें उपयोग

Tulsi Rao
16 Dec 2021 8:53 AM GMT
पत्‍नी-बच्‍चों के सामने करें अच्‍छा व्‍यवहार, अमर्यादित शब्‍दों का न करें उपयोग
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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्‍यक्ति को अपनी पत्‍नी और बच्‍चों के सामने कुछ जरूरी बातों का ध्‍यान रखना चाहिए. वरना उनकी नजर में उसका सम्‍मान कम हो जाएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्‍त्री आचार्य चाणक्‍य ने जिंदगी को लेकर कई अहम बातें कही हैं. उनकी नीतियां अपनाकर व्‍यक्ति बेहद सुखी और सफल जीवन जी सकता है. प‍ारिवारिक जीवन को लेकर भी उन्‍होंने कुछ अहम बातें कही हैं. इसमें पत्‍नी और बच्‍चों के सामने किए जाने वाले आचरण से जुड़ीं कुछ बातें भी शामिल हैं. आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि हर व्‍यक्ति को अपनी पत्‍नी और बच्‍चों के सामने कुछ चीजों से बचना चाहिए, वरना पूरी जिंदगी उसका खामियाजा भरना पड़ता है.

ऐसा आचरण कर देता है शर्मसार
अमर्यादित शब्‍द: बोली हुई बात और कमान से निकला तीर कभी वापस नहीं आते हैं. पत्‍नी और बच्‍चों के सामने अमर्यादित शब्‍दों का उपयोग आपको हमेशा के लिए शर्मिंदगी का शिकार बना सकता है. साथ ही यह उनकी जिंदगी पर भी बुरा असर डाल सकता है. ऐसे शब्‍दों से बचें.
झूठ: आमतौर पर माता-पिता अपने बच्‍चे को सच और ईमानदारी का पाठ पढ़ाते हैं, लेकिन वे खुद उनके सामने झूठ बोलें तो बच्‍चों की नजर में वे सम्‍मान खो देंगे. जबकि बच्‍चों के मन में माता-पिता के लिए हमेशा सम्‍मान होना चाहिए.
अपमान: पति-पत्‍नी को कभी भी अपने बच्‍चों के सामने एक-दूसरे का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा करना बच्‍चों के मन पर बेहद बुरा असर डालता है. साथ ही उनकी नजरों में आपका सम्‍मान भी कम हो जाता है.
अनुशासनहीनता: पिता को अपने बच्‍चों के सामने हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए, ताकि बच्‍चे भी उसका अनुसरण करें. वरना बच्‍चे भी अनुशासनहीन बनेंगे और बाद में इस चीज के लिए वे पिता को ही जिम्‍मेदार ठहराएंगे.


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