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फाइल फोटो
रुद्राक्ष को बहुत ही चमत्कारी और अलौकिक माना गया है. कहा जाता है कि इसका सीधा संबन्ध भगवान शिव से है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रुद्राक्ष को बहुत ही चमत्कारी और अलौकिक माना गया है. कहा जाता है कि इसका सीधा संबन्ध भगवान शिव से है. ये शिवजी के आंसुओं से निर्मित है. रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाए जाते हैं. इन सभी का अलग अलग महत्व माना गया है. लेकिन सभी तरह के रुद्राक्ष पहनने के नियम करीब करीब एक जैसे हैं. यहां जानिए इन नियमों के बारे में.
कई बार लोग रुद्राक्ष को काले धागे में धारण कर लेते हैं, लेकिन नियमानुसार ये गलत है. रुद्राक्ष को लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करना चाहिए. रुद्राक्ष को धारण करते समय गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए.
रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करें. साथ ही रुद्राक्ष की शुद्धता का पूरा खयाल रखें. जब भी महिलाएं पीरियड्स के दौरान इसे उतार दें. बाद में इसे गंगाजल से शुद्ध करके दोबारा पहनें.
अपना पहना हुआ रुद्राक्ष कभी किसी दूसरे को पहनने को न दें. अगर आप रुद्राक्ष की माला पहनते हैं, तो इसमें कम से कम 27 मनके होना जरूरी हैं. इसके अलावा इसकी संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए.
रुद्राक्ष धारण करने वालों को मांस, मदिरा आदि चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. रुद्राक्ष को वैसे तो धागे में पहनना सबसे श्रेष्ठ है, लेकिन आप इसे सोने या चांदी में भी पहन सकते हैं.
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