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उद्घाटन से पहले जाने ,श्रीराम ने क्यों मारा महाबली बालि को बाण
राम सिया राम अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इसी संबंध में हम प्रतिदिन रामचरित मानस की कई रोचक कथाएं आप लोगों के साथ साझा कर रहे हैं, तो आइए आज पढ़ते हैं श्रीराम-सुग्रीव मिलन और बाली वध की रोचक कथा…जानकी जी की पराजय के बाद भगवान …
राम सिया राम अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इसी संबंध में हम प्रतिदिन रामचरित मानस की कई रोचक कथाएं आप लोगों के साथ साझा कर रहे हैं, तो आइए आज पढ़ते हैं श्रीराम-सुग्रीव मिलन और बाली वध की रोचक कथा…जानकी जी की पराजय के बाद भगवान श्रीराम पंपापुर सरोवर के निकट मतंग ऋषि के आश्रम में अपनी भक्त सबरी से मिले। शबरी के कहने पर प्रभु श्रीराम ऋष्यमूक पर्वत की ओर चले जाते हैं।
जहां उनकी मुलाकात बजरंगबली के साथ-साथ वानरराज सुग्रीव से होती है। जहां भगवान राम सुग्रीव की दीन स्थिति देखकर दुखी हो जाते हैं।महाराज सुग्रीव का राज्य और पत्नी आदि उनके भाई बाली ने छीन लिया और उसके बाद महाराज सुग्रीव अपने मंत्रियों सहित ऋष्यमूक पर्वत की पहाड़ियों में रहने लगे। हनुमान आदि की सलाह पर भगवान श्री राम सुग्रीव को उसकी पत्नी और राज्य लौटाने की शपथ लेते हैं और वानरराज सुग्रीव को बाली से युद्ध करने के लिए भेजते हैं।
जहां श्रीराम बाली और सुग्रीव का एक ही रूप देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं और बाली पर तीर नहीं चलाते हैं। इसके बाद श्रीराम वानरराज सुग्रीव से कहते हैं कि मैं महाबली बाली को एक ही बाण से मार सकता हूं, लेकिन तुम दोनों भाई इतने मिलते-जुलते हो कि तुम दोनों को एक-दूसरे को देखकर पहचानना मुश्किल है।श्रीराम के आदेश पर सुग्रीव फिर से अपने भाई बाली से युद्ध करने जाता है। जिसके बाद श्री राम अपने एक ही बाण से महाबली बाली का वध कर देते हैं और सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बना देते हैं।