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सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले नियमों की जानकारी है जरूरी
हिंदू धर्म में कलयुग में सूर्य देव ही एक ऐसे देव हैं, जो नियमित रूप से भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं. सूर्य देव को पिता, आत्मा और स्वास्थ्य का कारक बताया गया है. मान्यता है कि नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है. और साथ ही व्यक्ति रोगों से मुक्ति पाता है. वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में है, तो सिर्फ जल चढ़ाकर भी सूर्य को मजबूत किया जा सकता है.
शास्त्रों के अनुसार नियमित रूप सूर्य देव को जल अर्पित करने जितना फल सिर्फ रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने से मिलता है. लेकिन सूर्य देव को जल चढ़ाने से पहले इसके कुछ जरूरी नियमों के बारे में बताया गया है. जिन्हें जान लेना बेहद जरूरी है. अगर आप इन नियमों का पालन करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं, तो मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानें जल चढ़ाने के इन नियमों के बारे में.
सूर्य देव को यूं करें जल अर्पित
सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें. स्नान के बाद स्वस्थ वस्त्र धारण करें और जल अर्पित करें ऐसा नियमित रूप से करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. और जीवन में धन की समस्याएं नहीं आती.
अगर संभव हो सके तो उगते हुए सूर्य को ही जल चढ़ाना चाहिए. मान्यता है कि उगते सूर्य को जल देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि सुबह के समय सूर्य से निकलने वाली किरणें शरीर का कष्ट दूर करती हैं. इसलिए रोगों से मुक्ति के लिए उगते सूर्य को जल देने को कहा जाता है.
सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद तीन बार परिक्रमा लगाएं. और फिर जमीन छू कर ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें.
जब सूर्य को अर्घ्य दें तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके दोनों हाथ सिर से ऊपर हों. ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की कृपा प्राप्त होती है.
बता दें कि सूर्य देव को अर्घ्य देते समय लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है. जल अर्पित करने के बाद धूप, अगरबत्ती आदि से सूर्य की पूजा करें. इसके साथ ही, जल में अर्घ्य देते समय जल में रोली, लाल चंदन और लाल रंग का फूल डालें.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जल हमेशा सुबह के समय देना ही फलदायी होता है. अगर जल देते समय सूर्य देव दिखाई नहीं दे रहे हैं, तो उनका नाम लेकर भी सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं.