धर्म-अध्यात्म

श्रावण पूर्णिमा के दिन बन रहा है आयुष्मान और सौभाग्य योग का सुंदर संयोग

Ritisha Jaiswal
9 Aug 2022 10:26 AM GMT
श्रावण पूर्णिमा के दिन बन रहा है आयुष्मान और सौभाग्य योग का सुंदर संयोग
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श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्रावण पूर्णिमा (Shravana Purnima) के नाम से जानते हैं

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्रावण पूर्णिमा (Shravana Purnima) के नाम से जानते हैं. श्रावण को सावन भी कहते हैं, इसलिए यह सावन पूर्णिमा भी है. इस साल श्रावण पूर्णिमा 11 अगस्त दिन गुरुवार को है. इस दिन रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन ब्राह्मण श्रावणी पर्व मनाते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा के दिन दो शुभ योग आयुष्मान योग और सौभाग्य योग बने हुए हैं. हालांकि इस दिन भद्रा पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा भी लग जा रही है. आइए जानते हैं श्रावण पूर्णिमा तिथि, योग और श्रावणी पर्व के बारे में.

श्रावण पूर्णिमा तिथि 2022
काशी विश्वनाथ ऋषिकेष पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 09:34 बजे से प्रारंभ हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 05:58 बजे तक मान्य है. 12 अगस्त को सूर्योदय पूर्व ही पूर्णिमा तिथि के समाप्त होने के कारण श्रावण पूर्णिमा 11 अगस्त को है. इस साल रक्षाबंधन भी 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा.
आयुष्मान और सौभाग्य योग में श्रावण पूर्णिमा
श्रावण पूर्णिमा के दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग का सुंदर संयोग बना है. इस दिन प्रात:काल से लेकर दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक आयुष्मान योग बना हुआ है, उसके बाद से सौभाग्य योग प्रारंभ होगा. सौभाग्य योग दोपहर 03 बजकर 32 मिनट से अगले दिन 11 बजकर 34 मिनट तक है.
भद्रा का समय
श्रावण पूर्णिमा को भद्रा सुबह 09:34 बजे से लेकर शाम 04:26 बजे तक है. इस समय में आपको रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाना चाहिए. शाम को 04:26 बजे के बाद ही राखी बांधें. शाम को सौभाग्य योग में राखी बांधें.
श्रावणी पर्व
श्रावण पूर्णिमा के दिन प्रात:काल में श्रावणी पर्व मनाया जाता है. इस दिन ब्राह्मण अपने पुराने यज्ञोपवीत यानि जनेऊ को बदलते हैं. वे श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर नए जनेऊ धारण करते हैं. यह कर्म सुबह में किया जाता है. ऐसे में सुबह आयुष्मान योग में श्रावणी पर्व मनाया जाएगा.


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