धर्म-अध्यात्म

भगवान शिव की पूजा करते समय बरतें सावधानी

Bhumika Sahu
1 Aug 2021 3:51 AM GMT
भगवान शिव की पूजा करते समय बरतें सावधानी
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हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत पावन होता है. इस महीने में भगवान शिव की विधि- विधान से पूजा करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. आइए जानते है इन नियमों के बारे में.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत पावन माना जाता है. इस महीने में भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा होती है. सावन में भगवान शिव की विधि- विधान से पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. कई लोग सावन के महीने में व्रत रखते हैं. कल सावन का दूसरा सोमवार है. ये दिन शिवभक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पंचांग के अनुसार, सोमवार के दिन नवमी तिथि पड़ रही है. इस दिन कृतितका नक्षत्र रहेगा. आइए जानते हैं सावन सोमवार की व्रत, विधि, कथा और पूजा के नियम

सोमवार को करें ऐसे पूजा
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन जल्दी उठकर स्नान करें और शिवमंदिर में जाकर भोलेनाथ को दूध और जल का अभिषेक करें. इसके बाद माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल और दूध चढ़ाएं. भगवान शिव को भाग, धतूरा, बेलपत्र आदि अर्पित करें. प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर से बनी चीज का भोग लगाएं. बाद में शिव चालीसा और आरती उतारें. कहते हैं इस दिन पति- पत्नी को साथ पूजा करनी चाहिए. इससे वैवाहिक जीवन में सुखी रहता है. घर में समृद्धि और यश रहता है. वहीं, कुंवारी लड़कियां मनचाहे पति की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं.
बरतें ये सावधानी
भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूलों का उपयोग नहीं चढ़ाना चाहिएं. इसके अलावा तुलसी का पत्ता, नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से शिवजी नाराज हो जाते हैं. साथ ही पूजा भी खंडित हो जाती है. भगवान शिव को हमेशा कास्य और पीतल के बर्तन में जल चढ़ाना चाहिए.
सावन के महीने में सात्विक भोजना करना चाहिए. इस महीने में प्याज- लहसुन, मांसाहरी भोजन खाना वर्जित माना गया है. इस महीने में भोलेनाथ की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.


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