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Bathroom Vastu Tips: इन बातों का रखें ध्यान, बाथरूम का वास्तु दोष, डालता है बुरा असर
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में घर के हर कोने की तरह बाथरूम-टॉयलेट बनवाने के अहम नियम बताए गए हैं. यदि आपका घर बन रहा है या अपना घर-बाथरूम रिनोवेट करा रहे हैं तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें. बाथरूम (Bathroom) का गलत दिशा में होना या उससे जुड़े दोष होना ना केवल आपकी आर्थिक स्थिति पर बल्कि आपकी सेहत पर, आपकी एनर्जी और सोच पर गहरा असर डालता है. बाथरूम से जुड़े वास्तु दोष (Vastu Dosh) घर में निगेटिव एनर्जी (Negative Energy) लाते हैं.
ऐसा हो बाथरूम
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के मुताबिक बाथरूम की दिशा, टॉयलेट शीट, विंडो, उसमें रखी चीजें बहुत अहम होती हैं.
- बाथरूम की दिशा घर के उत्तर या उत्तर-पश्चिम कोने में होनी चाहिए. कभी भी बाथरूम दक्षिण, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में न बनवाएं. साथ ही इसकी ऊंचाई घर के फर्श से एक-दो फीट ऊंची रहे तो बहुत अच्छा होता है.
- टॉयलेट सीट पश्चिम में या उत्तर-पश्चिम में होनी चाहिए.
- बाथरूम का मिरर उत्तर या पूर्वी दीवार पर लगाएं और उसका आकार चौकोर या आयताकार हो. गोलाकार या अंडाकार मिरर अच्छा नहीं माना जाता है.
- बाथरूम का दरवाजा लकड़ी का ही बनवाएं, भले ही उसे पानी के कारण खराब होने से बचाने के लिए उसमें नीचे एल्यूमीनियम की शीट लगवा लें.
- बाथरूम का दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा में रखें, साथ ही उपयोग के बाद हमेशा दरवाजे को बंद रखें. वरना दरवाजे से बाहर आती निगेटिव एनर्जी आपके करियर में बाधा पैदा कर सकती है.
- दरवाजे पर कभी भी शोपीस या धार्मिक मूर्ति, फोटो न लगाएं, यह आपकी जिंदगी को बड़े संकट में डाल सकता है.
- बाथरूम में इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स जैसे गीजर साउथ-ईस्ट दिशा में लगाना चाहिए.
- पूजा घर या बेहरूम बाथरूम की किसी भी दीवार से सटा हुआ न हो.
- नहाने की दिशा और बेसिन उत्तर या उत्तर-पूर्व होनी चाहिए.
- बाथरूम का ड्रेनेज या यहां से निकलने वाले पानी का बहाव उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व में हो. बाथरूम का ढलान भी इसी ओर हो.