धर्म-अध्यात्म

Basant Panchami Amrit Snan : महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान, त्रिवेणी घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Renuka Sahu
3 Feb 2025 12:58 AM GMT
Basant Panchami Amrit Snan : महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान, त्रिवेणी घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Basant Panchami Amrit Snan : आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पंचमी तिथि रहेगी, इसीलिए अंतिम अमृत स्नान को बसंत पंचमी का अमृत स्नान भी कहा जा रहा है। आज के दिन नागा साधुओं के अखाड़े सबसे पहले स्नान करेंगे। इसके बाद नागा साधुओं के दल महाकुंभ से अपने अखाड़ों की ओर वापस लौट जाएंगे। नागा साधुओं के साथ ही करोडों की संख्या में आज भक्त भी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे।
निरंजनी अखाड़े के प्रमुख कैलाशानंद गिरि महाराज और निरंजनी अखाड़े के अन्य साधुओं ने बसंत पंचमी के अवसर पर तीन नदियों - गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई।बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, "स्नान बहुत भव्य है और हर कोई बहुत खुश है और सरकार को आशीर्वाद दे रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने आए हैं।"
पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के एक संत ने बसंत पंचमी अमृत स्नान के महत्व पर बात की और व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन की प्रशंसा की।
बसंत पंचमी के अमृत स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति भक्तों को होती है। इसके साथ ही 7 पीढ़ियों तक का शुद्धिकरण भी अमृत स्नान से होता है। वहीं पितरों की आत्मा की शांति और निरोगी काया के लिए भी पवित्र डुबकी लगाना बेहद शुभ माना गया है। अमृत स्नान करने से शरीर की व्याधियां भी दूर होती हैं और ऊर्जा का संचार आपका तन-मन में होता है।
बसंत पंचमी के अवसर पर अमृत स्नान के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाट पर पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, अभी तक 16.58 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के अमृत स्नान के दिन न केवल नागा साधु-संत बल्कि अदृश्य साधु और पवित्र आत्माएं भी महाकुंभ में डुबकी लगाने आती हैं। इस दिन डुबकी लगाने से पाप मिटते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
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