धर्म-अध्यात्म

बरेली का त्रिवटीनाथ मंदिर 600 साल पुराण है महादेव ने साक्षात दर्शन एक चरवाहे को दिए थे

Neha Dani
11 July 2023 9:20 AM GMT
बरेली का त्रिवटीनाथ मंदिर 600 साल पुराण है महादेव ने  साक्षात दर्शन एक चरवाहे को दिए थे
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धर्म अध्यात्म: 600 साल पुराना त्रिवटीनाथ मंदिर है. इस सावन पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आकर जलाअभिषेक कर रहे हैं. हजारों की संख्या में भक्त यहां जलाभिषेक करते हैं और भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की अर्जी लगाते हैं.आइए जानते हैं मंदिर का पौराणिक इतिहास और क्या है यहां का महत्व दअसल, यूपी के बरेली मंडल में प्राचीनतम बाबा त्रिवटीनाथ महादेव मंदिर बरेली और पूरे उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेश में रहने वाले भक्तों की आस्था का केंद्र है.मंदिर में भक्तों का प्रबल विश्वास है कि यहां सभी की मनोकामना पूर्ण होती हैं.वही मंदिर के पुजारी रावेंद्र और बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर सेवा समिति के मीडिया प्रभारी संजीव अग्रवाल ने बताया tv9 को बताया कि महादेव का यह धर्म स्थल 600 वर्ष प्राचीन है जहां महादेव स्वयं प्रकट शिवलिंग रूप में विराजमान हैं. चरवाहे को वट वृक्ष के नीचे हुए शिवलिंग के दर्शन लगभग 600 वर्ष पहले यहां पर चारों ओर घनघोर जंगल हुआ करता था.जंगल में सभी प्रकार के जंगली जानवर रहते थे. जंगल इतना भयानक था कि आमतौर पर इस जगह पर कोई नहीं आता था. कभी कभार चरवाहे अपने पशु चराने आया करते थे.एक बार एक चरवाहा अपने पशु का चुगाने के लिए इस जंगल में आया और दिन में थककर वह यहां पर स्थित एक वट वृक्ष के नीचे विश्राम करते हुए गहन निंद्रा में सो गया. चरवाहे को तभी एक दिव्य स्वप्न हुआ.सपने में उसे साक्षात महादेव ने स्वयं दर्शन दिए. ‘उठ मैं इसी वट वक्ष के नीचे विराजमान हूँ’ देवताओं के देव महादेव ने चरवाहे से कहा कि उठ मैं इसी वट वक्ष के नीचे विराजमान हूँ.अचानक चरवाहे की नींद खुल गई और उसने उसी विशाल वट वृक्ष के नीचे विशाल शिवलिंग को पाया.शिवलिंग के दर्शन की चरवाहा बेहद खुश हुआ और उसने इस घटना की जानकारी पूरे गांव में लोगों को बताई. बाबा महाकाल ही क्यों हैं
उज्जैन के राजा, जानें 5 बड़ी बातें इसके बाद गांव के लोगों ने विशाल वट वृक्ष के नीचे प्रकट हुए शिवलिंग के दर्शन कर महादेव की भक्ति-आराधना की तभी से इस दिव्य शिवलिंग के दर्शन के लिए यहां सालों से भक्तों का आना आरंभ हुआ.मान्यता है कि सच्चे मन से यहां पर भक्त आकर जो भी मनोकामना मांगते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है. बताते चलें मंदिर में जलाभिषेक करने आए भक्तों और कुछ महिला भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में सावन के माह में जलाभिषेक और बेलपत्र चढ़ाने से सारी मन की कामनाएं पूर्ण होती हैं. सावन के माह में लोग हरिद्वार और दूर दराज से कावड़ लाते हैं और अपनी मनोकामना को पूर्ण करते हैं. त्रिवटीनाथ मंदिर सनातन धर्म का आस्था का केंद्र के तौर पर इस मंदिर को देश विदेशों में भी जाना जाता है. बता दें कि त्रिवटीनाथ मंदिर यह परम धर्म स्थल सभी शिव भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है.समय-समय पर मंदिर सेवा समिति द्वारा यहां पर भव्य शिवालय,रामालय,नवग्रह मंदिर बृहस्पतिदेव स्थान,नंदी वन, मनौती स्थल, भव्य यज्ञ शाला आदि का निर्माण कराया गया.सावन के पावन दिनों में इस बार सावन मास की शुरुआत 4 जुलाई से हो गई है और 31 अगस्त तक रहेगा. अर्थात इस बार भक्तों को भगवान बाबा त्रिवटीनाथ महादेव की उपासना के लिए कुल 58 दिन मिलने वाले हैं.
कहा जाता है कि यह शुभ संयोग 19 साल बाद बना है.दरअसल, इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहने वाला है. हजारों ही संख्या में भक्त प्रार्थना एवं पूजा करके अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की अर्जी बाबा को देते हैं. मंदिर गेट पर लगी है 59 फीट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति बताते चलें कि त्रिवटीनाथ मंदिर मेन पर ही 59 फीट ऊंची विशाल भगवान शिव की मूर्ति लगी हुई है. यह मूर्ति शहर से ही दिखाई देने लगती है.जैसे ही वक्त मंदिर में दर्शन करने को आते हैं तो सबसे पहले भगवान शिव की 59 फीट ऊंची मूर्ति का दर्शन करते हैं.विशाल शिव की मूर्ति का नाम नाथ नगरी में अलग ही माना जाता है.
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