धर्म-अध्यात्म

Bajrang Baan: मंगलवार के दिन करें ये सरल उपाय, हनुमान होगे प्रसन्न

Tara Tandi
10 Sep 2024 8:55 AM GMT
Bajrang Baan: मंगलवार के दिन करें ये सरल उपाय, हनुमान होगे प्रसन्न
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Bajrang Baan ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता है वही मंगलवार का दिन हनुमान पूजा के लिए उत्तम माना गया है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी होता है लेकिन इसी के साथ ही अगर मंगलवार के दिन हनुमान पूजा के समय बजरंग बाण का पाठ किया जाए तो भगवान प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और भक्तों की दुख परेशानियों को दूर कर देते हैं।
बजरंग बाण
निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
विनय करेँ सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ,
सिद्ध करेँ हनुमान ॥
जय हनुमंत संत हितकारी,
सुन लीजै प्रभु विनय हमारी ।
जन के काज विलंब न कीजै,
आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥
जैसे कूदि सिंधु के पारा,
सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ।
आगे जाय लंकिनी रोका,
मारॆहु लात गयी सुरलोका ॥
जाय विभीषन को सुख दीन्हा,
सीता निरखि परमपद लीन्हा ।
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा,
अति आतुर जमकातर तोरा ॥
अक्षय कुमार मारि संहारा,
लूम लपेटि लंक को जारा ।
लाह समान लंक जरि गयी,
जय जय धुनि सुरपुर नभ भयि ॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी,
कृपा करहु उर अंतरयामी ।
जय जय लखन प्राण के दाता,
आतुर है दुःख करहु निपाता ॥
जय हनुमान जयति बलसागर,
सुर समूह समरथ भटनागर ।
ओं हनु हनु हनु हनुमंत हठीले,
बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥
ओं हीं हीं हीं हनुमंत कपीसा,
ओं हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा ।
जय अंजनि कुमार बलवंता,
शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥
बदन कराल काल कुल घालक,
राम सहाय सदा प्रतिपालक ।
भूत प्रेत पिसाच निसाचर,
अगिनि बेताल काल मारी मर ॥
इन्हेँ मारु तोहि सपथ राम की,
राखु नाथ मरजाद नाम की ।
सत्य होहु हरि सपथ पायि कै,
राम दूत धरु मारु धायि कै ॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा,
दुःख पावत जन केहि अपराधा ।
पूजा जप तप नेम अचारा,
नहिँ जानत कछु दास तुम्हारा ॥
बन उपबन मग गिरि गृह माहीँ,
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीँ ।
जनकसुता हरि दास कहावौ,
ताकी सपथ विलंब न लावौ ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा,
सुमिरत होय दुसह दुख नासा ।
चरन पकरि कर जोरि मनावौँ,
यहि औसर अब केहि गॊहरावौँ ॥
उठु उठु चलु तोहि राम दुहायी,
पायँ परौँ कर जोरि मनायी ।
ओं चं चं चं चं चपल चलंता,
ओं हनु हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥
ओं हं हं हाँक देत कपि चंचल,
ओं सं सं सहमि पराने खल दल ।
अपने जन को तुरत उबारौ,
सुमिरत होय आनंद हमारौ ॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै,
ताहि कहौ फिरि कवन उबारै ।
पाठ करै बजरंग बाण की,
हनुमत रक्षा करै प्रान की ॥
यह बजरंग बाण जो जापै,
तासोँ भूत प्रेत सब कांपै ।
धूप देय जो जपै हमेसा,
ताके तन नहिँ रहै कलेसा ॥
दोहा
उर प्रतीति दृढ सरन है,
पाठ करै धरि ध्यान ।
बाधा सब हर करैँ
सब काम सफल हनुमान ॥
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