- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- संकष्टी श्रीगणेश...
x
संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। बस फर्क केवल इतना है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और यह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है, तो इसलिए आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत के उपलक्ष्य में भगवान श्री गणेश की उपासना बड़ी ही फलदायी मानी गई है। आइए जानते हैं भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 14 अगस्त, रविवार को रात 10 बजकर 35 मिनट से शुरू
चतुर्थी तिथि समाप्त- 15 अगस्त, सोमवार रात 09 बजकर 01 मिनट पर
चंद्रोदय का समय- 15 अगस्त रात 09 बजकर 27 मिनट पर होगा
Chanakya Niti: आपका कोई करे अपमान तो इन तरीकों से दें मुँहतोड़ जवाब, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत की पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान कर लें।
उसके बाद गणपति का ध्यान करें।
अब एक चौकी पर साफ पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
फिर गंगा जल छिड़कर पूरे स्थान को पवित्र कर लें।
इसके बाद गणेश जी को फूल की मदद से जल अर्पित करें।
इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाएं।
लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर चढ़ाएं।
इसके बाद नारियल और भोग में मोदक चढ़ाएं।
गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं।
सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्ती से भगवान गणेश की आरती करें।
इस मंत्र का जाप करें -
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
या फिर
ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।
अंत में चंद्रमा को दिए हुए मुहूर्त में अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करें।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का अर्थ होता है- संकटों को हरने वाली। भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य को देने वाले हैं। इनकी उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है। कहते हैं कि जो व्यक्ति संकष्टी श्री गणेश चतुर्थीव्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
Ritisha Jaiswal
Next Story