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हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन श्री गणेश की पूजा आराधना को समर्पित हेरंब संकष्टी चतुर्थी बेहद ही खास मानी जाती हैं। पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर हेरंब संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन किया जाता हैं। इसे महास्कंद हर चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता हैं।
इसी पावन दिन पर बहुला चौथ भी मनाई जाएगी। माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा और व्रत करने से साधक के जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा हेरंब संकष्टी चतुर्थी की तिथि और मुहूर्त के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
हेरंब संकष्टी चतुर्थी की तिथि—
धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की हेरंब संकष्टी चतुर्थी का व्रत 3 सितंबर दिन रविवार को किया जाएगा। इस दिन बुद्धि, विद्या और सफलता के देवता भगवान श्री गणेश की उपासना करने से समस्त विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता हैं।
हेरंब संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि 2 सितंबर को रात 8 बजकर 49 मिनट से आरंभ हो रही है और अगले दिन यानी 3 सितंबर को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में गणपति की आराधना व साधना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 35 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा संध्याकाल मुहूर्त शाम 6 बजकर 41 मिनट से रात 9 बजकर 31 मिनट तक का हैं। मान्यता है कि इस मुहूर्त में गणपति की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती हैं।
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Apurva Srivastav
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