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धर्म-अध्यात्म
ज्योतिषशास्त्र: इन राशि के जातकों को गलती से भी नहीं पहननी चाहिए ऐसी अंगूठी, होती है ये समस्या
Deepa Sahu
30 May 2021 12:08 PM GMT
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जानें क्यों और किन्हें नहीं पहननी चाहिए ये अंगूठी
ज्योतिषशास्त्र में कई समस्याओं का समाधान महज अंगूठी धारण करने से भी माना गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई भी अंगूठी किसी भी राशि के जातक के लिए नहीं होती। इसलिए अंगूठी धारण करने से पहले किसी जानकार की राय लेने की नसीहत दी जाती है। ऐसी ही एक अंगूठी है कछुए की अंगूठी, जिसे अमूमन लोग धारण करते हैं। इसे लेकर मान्यता है कि इसे पहनने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। लेकिन ज्योतिषशास्त्र कहता है कछुए की अंगूठी हर किसी को धारण नहीं करनी चाहिए। तो आइए ऐस्ट्रॉलजर ऐंड वास्तु एक्सपर्ट सचिन मेहरा से जानते कि वह कौन सी राशियां हैं जिन्हें गलती से भी कछुए की अंगूठी नहीं पहननी चाहिए?
मेष
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मेष राशि के जातकों को भूलकर भी कछुए की अंगूठी नहीं पहननी चाहिए। इसका कारण यह है कि मेष राशि के जातकों का स्वामी मंगल ग्रह होता है। ऐसे में इन राशि के जातकों को कछुए की अंगूठी धारण करने से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कन्या
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कन्या राशि के जातकों को कतई यह अंगूठी नहीं पहननी चाहिए। मान्यता है कि इस राशि के जातकों का स्वामी बुध होता है। इसलिए कछुए की अंगूठी धारण करने से इस राशि के जातकों को धन संबंधी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पर्सनल और प्रफेशनल तौर पर भी कई तरह की परेशानियां आती हैं।
वृश्चिक
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल होता है। ऐसे में अगर इस राशि के जातक कछुए की अंगूठी धारण कर लें तो उन्हें मंगल दोष की समस्या झेलनी पड़ सकती है। इसके अलावा इन्हें नौकरी और व्यवसाय हर जगह नुकसान ही नुकसान होता है। अपनों के साथ रिश्तों में भी दूरियां आती हैं।
मीन राशि
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मीन राशि के जातकों को भी कछुए की अंगूठी धारण नहीं करनी चाहिए। इस राशि के जातकों का स्वामी बृहस्पति ग्रह होता है। ऐसे में अगर कछुए की अंगूठी पहनते हैं तो इसके प्रभाव से बृहस्पति ग्रह कमजोर हो जाता है। इसके परिणाम स्वरूप जातकों को धन हानि के अलावा कई अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कछुए की अंगूठी से जुड़ी हैं ऐसी मान्यताएं
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कछुआ श्रीविष्णु का ही अवतार है। समुद्र मंथन के समय माता लक्ष्मी के साथ कछुआ भी प्रकट हुआ था। यही वजह है कि इसे देवी लक्ष्मी का भी प्रिय माना जाता है। इसके चार पैरों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। इस अंगूठी को धारण करने से जातकों में आत्मविश्वास और सकारात्मकता का संचार होता है। साथ ही आर्थिक समृद्धि में भी वृद्धि होती है। लेकिन इसे धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी की राय जरूर ले लें।
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