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ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आती है अभी पौष का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है जो कि स्नान दान व पूजा पाठ को समर्पित …
ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आती है अभी पौष का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है जो कि स्नान दान व पूजा पाठ को समर्पित होती है।
पौष पूर्णिमा के दिन भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है ऐसे में इस साल की पहली पूर्णिमा यानी पौष पूर्णिमा 25 जनवरी को मनाई जाएगी। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख दवारा पौष पूर्णिमा की पूजा विधि बता रहे हैं।
पौष पूर्णिमा की पूजा विधि-
पौष पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रणाम करें इसके बाद स्नान आदि करें और साफ वस्त्रों को धार कर मंदिर की साफ सफाई करें इसके बाद गंगाजल का छिड़काव कर मंदिर को शुद्ध करें। अब भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करें उन्हें जल अर्पित।
इसके बाद भगवान विष्णु की पंचोपचार पूजन करें श्री हरि को पीले फल, पुष्प, हल्दी, जौ, अक्षत अर्पित करें साथ ही माता लक्ष्मी को पुष्पों की माला, चुनरी और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इसके बाद विष्णु चालीसा का पाठ करें फिर आरती कर सभगवान को भोग लगाएं इसके बाद भूल चूक के लिए क्षमा मांगकर अपनी प्रार्थना कहें और सभी में प्रसाद का वितरण करें मान्यता है कि इस विधि से पूजा पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
