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astrology news : आखिरी शनिवार को करें ये असरदार उपाय, शनिदेव की कृपा
ज्योतिष न्यूज़ : आज यानी 30 दिसंबर को साल 2023 का आखिरी शनिवार है जो कि शनि महाराज की साधना आराधना को समर्पित किया गया है ऐसे में भक्त शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आज के दिन भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि शनि …
ज्योतिष न्यूज़ : आज यानी 30 दिसंबर को साल 2023 का आखिरी शनिवार है जो कि शनि महाराज की साधना आराधना को समर्पित किया गया है ऐसे में भक्त शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आज के दिन भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि शनि देव की कृपा से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि आती है।
ऐसे में अगर आप नए साल में शनि देव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो साल के आखिरी शनिवार को शाम के वक्त शनि महाराज के मंदिर जाकर उनकी विधि विधान से पूजा करें और सरसों तेल अर्पित करें इसके साथ ही शनि महाराज की आरती भी पढ़ें मान्यता है कि ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है और साढ़ेसाती व ढैय्या से भी मुक्ति मिलती है इसके साथ ही वर्ष भर शनि महाराज की कृपा बनी रहती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शनि देव की संपूर्ण आरती पाठ।
शनिदेव आरती—
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
शनि देव के मंत्र
1. ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
2. ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
3.अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।
4. ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
5.ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
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