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धर्म-अध्यात्म
ज्योतिष शास्त्र: जानिए शनिदेव के इन नौ वाहन में कौन देता है सुख और कौन कष्ट
Deepa Sahu
20 Feb 2021 2:40 PM GMT
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ज्योतिष शास्त्र: जानिए शनिदेव के इन नौ वाहन में कौन देता है सुख और कौन कष्ट
ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को पाप और क्रूर ग्रह बताया गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को पाप और क्रूर ग्रह बताया गया है लेकिन शनि देव शत्रु नहीं बल्कि मित्र ग्रह हैं क्योंकि वह कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। इसलिए उनको न्यायधीश का दर्जा प्राप्त है। साथ ही यह भी बताया गया है कि शनिदेव के कई वाहन हैं। शनिदेव कौन से वाहन पर बैठेंगे, यह ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के हिसाब से तय होता है। कई बार सपनों में भी शनिदेव किस वाहन पर आकर दर्शन दे रहे हैं, उसका भी अलग फल मिलता है। शास्त्रों में शनिदेव के कुल 9 वाहन बताए गए हैं। आइए जानते हैं शनिदेव के अलग-अलग वाहनों पर आने का क्या फल बताए गए हैं।
अगर हाथी पर बैठे हों शनिदेव
शनि चालीसा के अनुसार, शनिदेव का हाथी पर आना शुभ माना गया है। सपने में भी अगर हाथी पर बैठकर शनिदेव दर्शन दे रहे हैं तो इसका संकेत है कि काफी मात्रा में धन वैभव की प्राप्ति होने वाली है और आपके अटके हुए कार्य भी धीरे-धीरे बनने लगते हैं। साथ ही आपको उत्तम भोजन का सुख प्राप्त होगा और घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
अगर घोड़े पर बैठे हों शनिदेव
शास्त्रों में बताया गया है कि शनिदेव हमेशा घोड़े पर बैठकर न्याय करते हैं और कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। इसलिए घोड़े को शक्ति और खुशी का प्रतिक बताया गया है। शनिदेव जब घोड़े पर बैठकर गोचर कर रहे होते हैं तब व्यक्ति के जीवन में अपार खुशियां आती हैं और शक्ति के प्रतिक घोड़े से शत्रुओं पर आसानी से विजय मिलती है। साथी ही व्यक्ति जोश और ऊर्जा से भरपूर रहता है और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
अगर गधे पर बैठे हों शनिदेव
शनिदेव जब गधे पर सवार होकर गोचर कर रहे हों या फिर सपने में इस वाहर पर दर्शन दे रहे हों तब भी यह अशुभ माना जाता है। उसके जीवन में कई परेशानियां आती हैं और छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी अधिक संघर्ष करना पड़ता है। जब शनिदेव गधे पर सवार हों तब व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करना चाहिए।
अगर मोर पर बैठे हों शनिदेव
ज्योतिषों के अनुसार, शनिदेव का मोर पर बैठना बहुत शुभ माना जाता है। गोचर के दौरान शनिदेव मोर पर बैठते हैं तब व्यक्ति का भाग्य खुल जाता है। उसकी मेहनत का फल उसको कर्मों के हिसाब से अच्छा मिलता है। इस समय समझदारी के साथ कार्य करता है और बड़ी से बड़ी समस्या को भी आसानी से खत्म कर देता है। साथ ही व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है और कई बार तो थोड़े से प्रयास से ही सफलता मिलती है।
अगर सियार पर बैठे हों शनिदेव
शनिदेव जब सियार पर बैठकर गोचर करते हैं या फिर सपने में इस वाहर पर दर्शन दे रहे हों तब यह अशुभ माना गया है। इस दौरान शुभ फलों की प्राप्ति बहुत कम होती है और धन संबंधित समस्याओं का ज्यादा सामना करना पड़ता है। मान्यता है कि सियार पर बैठे शनिदेव दुख और तकलीफ लेकर आते हैं। इस समय व्यक्ति को अशुभ सुचनाएं ज्यादा मिलती हैं, ऐसे में व्यक्ति को हिम्मत से काम लेकर दान-पुण्य के कार्य करने चाहिए और अच्छे कर्म करके शनिदेव को प्रसन्न करना चाहिए।
अगर हंस पर बैठे हों शनिदेव
हंस पर बैठकर शनिदेव का गोचर करने पर सबसे शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के मान-सम्मान और यश में वृद्धि होती है और घर-परिवार में सुख-शांति के साथ संपन्नता भी आती है। व्यक्ति को कभी किसी चीज की कमी नहीं होती और जीवन में ढेर सारी खुशियां आती हैं। इस समय व्यक्ति मेहनत के दम पर भाग्य का साथ लेकर सभी क्षेत्रों में कामयाबी प्राप्त कर सकता है और करियर में उच्च पद की प्राप्ति होती है। शनिदेव के सभी वाहनों में हंस को सबसे अच्छा माना गया है।
अगर कौआ पर बैठे हों शनिदेव
शनिदेव कौआ की सवारी पर जब गोचर करते हैं या फिर सपने में इस वाहर पर दर्शन दे रहे हों तब यह शुभ नहीं माना जाता। इस समय व्यक्ति के परिवार, दांपत्य जीवन और ऑफिस में सुख-शांति भंग हो जाती है और कलह बढ़ने लगती है। परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। इसलिए ऐसे समय में व्यक्ति को शांत मन से और समझदारी के साथ मसलों को सुलझाना चाहिए। इस समय व्यक्ति को हर रोज नई चुनौतियों से जुझना पड़ता है।
अगर शेर पर बैठे हों शनिदेव
शनिदेव गोचर करते समय जब सिंह यानी शेर की सवारी करते हैं तो या फिर सपने में इस वाहर पर दर्शन दे रहे हों तब यह शुभ माना जाता है। सिंह पर सवाह शनिदेव व्यक्ति के जीवन में कृपा बरसाते हैं और करियर में सफलता दिलाते हैं। शेर की तरह व्यक्ति के जीवन में साहस आ जाता है। इस समय व्यक्ति को अपने शत्रुओं से डरने की आवश्यकता नहीं पड़ती और निडर होकर अपनी लाइफ को आगे बढ़ाना चाहिए।
अगर भैंसे पर बैठे हों शनिदेव
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शनिदेव जब भैंसे पर सवार होकर गोचर करते हैं या फिर सपने में इस वाहर पर दर्शन दे रहे हों तब जीवन में उसका मिलाजुला फल मिलता है या फिर कहा जाए कि आने बराबर ही फल मिलता है। इस दौरान स्थितियां सामान्य रहती हैं। व्यक्ति को किसी चीज की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत तो करनी पड़ती है लेकिन अंत उसे वह चीज मिल जाती है। शनिदेव की यह स्थिति खुशी और दुखी दोनों लेकर आती है।
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