धर्म-अध्यात्म

ज्योतिषशास्त्र: जानिए पंचक और शनि के दुष्प्रभाव दूर करने के उपाय

Tara Tandi
23 April 2022 5:43 AM GMT
ज्योतिषशास्त्र: जानिए पंचक और शनि के दुष्प्रभाव दूर करने के उपाय
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ज्योतिषशास्त्र: जानिए पंचक और शनि के दुष्प्रभाव दूर करने के उपाय

भारतीय ज्योतिष में तिथि, करण, योग, वार व नक्षत्र इन सभी की विशेष भूमिका होती है। इन सभी के परस्पर मिलान से मुहूर्त का निर्माण किया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय ज्योतिष में तिथि, करण, योग, वार व नक्षत्र इन सभी की विशेष भूमिका होती है। इन सभी के परस्पर मिलान से मुहूर्त का निर्माण किया जाता है। कुछ मुहूर्त शुभ माने जाते है, जिसमें सभी प्रकार के कार्य किए जाते है तो कुछ मुहूर्त अशुभता की श्रेणी में आते है। सनतान धर्म के अनुसार कोई भी शुभ कार्य शुभ समय और मुहूर्त देखकर किया जाता है, जिससे वह कार्य हमेशा सफल हो और उसमें वृद्धि हो। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि अशुभ समय में या बिना मुहूर्त देखकर कोई कार्य किया जाता है तो उसमें सफलता नहीं मिलती है। पंचक काल को हिंदू धर्म और ज्योतिष में बहुत महत्व दिया गया है। कोई भी शुभ काम करने से पहले पंचक काल जरूर देखा जाता है क्योंकि इनमें शुभ काम करने की सख्त मनाही की गई है। ज्योतिषशास्त्र की मानें तो पंचक को अशुभ माना जाता है। इस दौरान कुछ ऐसे विशेष कार्य हैं जिसे करना वर्जित माना जाता है। अप्रैल महीने की बात करें तो आने वाली 25 तारीख से पंचक शुरू हो रहे हैं और यह 29 अप्रैल तक चलेंगे।

कैसे लगता है पंचक
जब चंद्रमा का गोचर घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक की स्थिति उत्पन्न होती है। वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी 'पंचक' लगता है। पंचक को 'भदवा' के नाम से जाना जाता है। चंद्रमा गोचर में जब कुंभ और मीन राशि में स्थित होता है तो यह समय पंचक का माना जाता है। पंचक की समय अवधि पांच दिन की होती है। इसलिए इसे पंचक कहा जाता है।
पंचक का समय
इस बार 25 अप्रैल 2022, सोमवार को प्रात: 05 बजकर 30 मिनट से पंचक शुरू हो रहीं हैं। जो 29 अप्रैल, शुक्रवार शाम 6 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी।
पंचक के नाम दिन के आधार पर तय किए जाते हैं। रविवार से शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक, सोमवार से प्रारंभ होने पर राज पंचक कहलाता है।
ऐसे निर्धारित होते हैं पंचक के नाम
पंचक के नाम दिन के आधार पर तय किए जाते हैं। रविवार से शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक, सोमवार से प्रारंभ होने पर राज पंचक, मंगलवार के दिन जब पंचक प्रारंभ होता है तो इसे अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। वैसे तो पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते लेकिन बुधवार और गुरुवार से पंचक प्रारंभ होता है तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं। 25 अप्रैल से लगने वाला पंचक राज पंचक है।
इस बार के पंचक हैं शुभ
इस बार के पंचक सोमवार के दिन से शुरू हो रहे हैं। इसलिए यह रायज पंचक कहलाते हैं। राज पंचक को धर्म और ज्योतिष दृष्टि से शुभ माना गया है। राज पंचक में शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं। यदि इस पंचक के दौरान आप संपत्ति से जुड़े कार्य करना चाहते हैं तो वो शुभ माने जाते हैं।
शनि के गोचर ने बनाया राज पंचक को महत्वपूर्ण
इस बार पंचक 25 अप्रैल 2022, सोमवार को वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से लग रहा है, जो 29 अप्रैल 2022, शुक्रवार तक चलेंगे। 29 अप्रैल को ढाई साल के बाद शनि गोचर भी हो रहा है। 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेगें। ऐसे में यह पंचक और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं।
पंचक और शनि के दुष्प्रभाव दूर करने के उपाय
पंचक और शनि के नकारात्मक असर से बचने के लिए जरुरतमन्द को दान करें।
भगवान की आराधना करें और कोई भी गलत काम न करें।
पंचक के दौरान घास, लकड़ी, आदि जलने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करनी चाहिए।
पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवानी चाहिए। ऐसा करने से घर में क्लेश और धन की हानि हो सकती है।
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