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धर्म-अध्यात्म
25 जून से आरंभ होगा आषाढ़ माह, इन सावधानियों को बरतने से होगा लाभ
Deepa Sahu
22 Jun 2021 3:39 PM GMT
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ग्रह गोचर और मौसम के अनुरूप मनुष्य को क्या करना चाहिए
Hindu Calander Month Aashadh from: ग्रह गोचर और मौसम के अनुरूप मनुष्य को क्या करना चाहिए और किससे परहेज रखना चाहिए, इस बारें में शास्त्रों में स्पष्ट वर्णन किया गया है. शुक्रवार, 25 जून 2021 से आषाढ़ माह शुरू हो रहा है. यह माह जुलाई तक रहेगा. शास्त्रों के अनुसार इस माह में बेल फल का सेवन निषेध बताया गया है. बेल विरेचक होता है. इसकेे सेवन से वर्षा ऋतु में पेट संबंधी समस्या उत्पन्न होने की आशंका रहती है. इस माह में हरी सब्जियों से भी परहेज बताया गया है.
आषाढ़ माह में शारीरिक श्रम को तरजीह दी गई है. खेल व्यायाम में लोगों को रुचि लेना चाहिए. दक्षिणायन सूर्य होने से ठंडक बढ़ती है. शरीर को पुष्ट और गर्म रखने में श्रम सहायक होता है. आषाढ़ का संबंध पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र से है. यह शुक्र का नक्ष़त्र है. शुक्र को रसेस कहा गया है, अर्थात् रसों का स्वामी कहा गया है. आषाढ़ में चहुंओर आर्द्रता बढ़ने से प्रकृति रसयुक्त होती है. वर्षा से संचित होकर हरितिमा ओढ़ती है. भगवान भोलेनाथ के श्रावण माह से पूर्व आषाढ़ प्रकृति को ग्रीष्म ऋतु से बढ़ी उष्णता और शुष्कता से मुक्त करता है. लोगों में उत्साह का संचार होता है.
आषाढ़ के प्रभाव से प्रकृति में जीवंतता बढ़ती है. दिन छोटे और रात बड़ी होने से व्यक्ति में असुरक्षा की भावना बढ़ती है. वह घरों को मरम्मत करता है. ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी आषाढ़ के आगमन के घर का छप्पर दुरुस्त करते हैं. इससे वह आगामी मौसम के लिए तैयार हो जाता है.
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