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सनानत धर्म में हर महीने को महत्वपूर्ण बताया गया हैं लेकिन आषाढ़ का महीना बेहद खास माना जाता हैं जो कि हिंदू धर्म का पवित्र महीना होता हैं। पंचांग के अनुसार आज यानी 5 जून से आषाढ़ महीने का आरंभ हो गया हैं। इसे पंचांग का चौथा महीना माना जाता हैं। आषाढ़ माह भगवान विष्णु और शिव शंकर की पूजा को समर्पित होता हैं इस महीने पड़ने वाली एकादशी से सभी शुभ व मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता हैं।
इस महीने को ईश्वर भक्ति के लिए बेहद ही खास माना जाता हैं। आषाढ़ माह का आरंभ जहां आज से हो रहा है तो वही इसका समापन 3 जुलाई को हो जाएगा। इस दौरान कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं जिन्हें अगर इस पूरे महीने में किया जाए तो जातक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा आषाढ़ माह से जुड़े नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आषाढ़ माह से जुड़े नियम—
आपको बता दें कि आज आषाढ़ माह का पहला दिन हैं ऐसे में इस महीने के प्रथम दिन पर स्नान व पूजा पाठ के बाद खड़ाउ, छाता, नमक और आंवले का दान जरूर करें ऐसा करने से लाभ मिलता हैं इस पूरे महीने में लक्ष्मीनारायण की पूजा जरूर करें ऐसा करने से सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता हैं। इसके अलावा आषाढ़ माह में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही इस महीने उबला हुआ पानी ही पीना चाहिए। ऐसा करने से सेहत अच्छी बनी रहती हैं और रोगों से भी बचाव हो जाता हैं।
इस पूरे महीने में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती हैं अगर कोई इन कार्यों को करता हैं तो इससे देवी देवता नाराज हो जाते हैं और जातक को कष्टों व दुखों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसे में आषाढ़ माह में भूलकर भी शादी, विवाह, मुंडन, जनेउ, गृहप्रवेश आदि के कार्य नहीं करने चाहिए। पानी की बर्बाद तो किसी महीने में भी नहीं करनी चाहिए लेकिर अगर इस महीने कोई पानी बर्बाद करता है तो उसे कष्टों का सामना करना पड़ता हैं इस महीने वरुण देव की पूजा करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं। इस पूरे महीने बासी भोजन करने से बचना चाहिए। आषाढ़ माह में ईश्वर भक्ति करना उत्तम होता हैं लेकिन भूलकरक भी वाद विवाद व क्लेश नहीं करना चाहिए।
Tara Tandi
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