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Ashad Pradosh : आषाढ़ प्रदोष पर ऐसे करें शिव पूजा , बरसेगी कृपा

Tara Tandi
24 Jun 2024 4:57 AM GMT
Ashad Pradosh : आषाढ़ प्रदोष पर ऐसे करें शिव पूजा , बरसेगी कृपा
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Ashad Pradosh ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन प्रदोष व्रत विशेष माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है इस दिन भगवान शिव की ​पूजा अर्चना का विधान होता है पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोश व्रत किया जाता है यह तिथि शिव शक्ति की पूजा के लिए अहम मानी गई है।
प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करना अच्छा होता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है। पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शिव पार्वती की पूजा की विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
प्रदोष पर ऐसे करें शिव पार्वती की पूजा—
आपको बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें इसके बाद पूजा स्थल पर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित कर व्रत का संकल्प करें अब शिवलिंग का शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें इसके बाद कनेर के पुष्प, बेलपत्र और भांग अर्पित करें फिर देसी घी का दीपक जलाकर भगवान की विधिवत आरती करें इसके बाद शिव मंत्रों का जाप करें। अब विधिवत शिव चालीसा का पाठ करें फिर भगवान शिव और माता पार्वती को मिठाई का भोग लगाए। अंत में सभी को प्रसाद बाद कर अपनी मनोकामना भगवान से कहें और भूल चूक के लिए क्षमा भी मांग लें।
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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