धर्म-अध्यात्म

Apsara Urvashi Katha: जाने किस ऋषि की जंघा से जन्मी थी उर्वशी

Tara Tandi
26 Jan 2025 6:30 AM GMT
Apsara Urvashi Katha: जाने किस ऋषि की जंघा से जन्मी थी उर्वशी
x
Apsara Urvashi Katha ज्योतिष न्यूज़ : उर्वशी स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सरा है, जिसका उल्लेख रामायण, महाभारत और पुराणों में कई बार हुआ है। उर्वशी को देवताओं के राजा इंद्र के दरबार में एक विशेष स्थान दिया गया था। वह इंद्र की प्रिय अप्सरा थीं और स्वर्ग में सभी अप्सराओं में सबसे प्रसिद्ध थीं। इसकी उत्पत्ति के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। आइए जानते हैं, उर्वशी के जुड़ी कुछ कथाएं।
ऋषि नारद और उर्वशी की उत्पत्ति
एक कथा के अनुसार, ऋषि नारद तपस्या कर रहे थे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवराज इंद्र ने उन्हें वरदान मांगने को कहा। ऋषि नारद ने इंद्र से एक ऐसी अप्सरा मांगी जो सारी दुनिया की सुंदरियों को मात दे। इंद्र ने उनकी इस इच्छा को पूरा किया और ऋषि नारद की जांघ से एक अत्यंत सुंदर अप्सरा का जन्म हुआ, जिसका नाम उर्वशी रखा गया।
ऋषि नारायण की जंघा से जन्मी उर्वशी
एक दूसरी कथा के अनुसार, नर और नारायण ऋषि रूप में बद्रिकाश्रम में घोर तपस्या में लीन थे। तब देवराज इंद्र को भय हुआ कि कहीं नर और नारायण उनसे स्वर्ग न छीन लें। इंद्र ने उन्हें वरदान मांगने को कहा, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इसके बाद इंद्रदेव ने कामदेव के साथ रति, वसंत देव, मेनका, रंभा, तिलोत्तमा आदि परम सुंदरी अप्सराओं ऋषियों की तपस्या भंग करने के लिए भेजा।
वसंतदेव ने तपस्या भूमि पर मनमोहक वसंत ऋतु का निर्माण कर दिया। कामदेव-रति के साथ स्वर्ग की अप्सराओं ने कामुक नृत्य-संगीत से नर-नारायण का ध्यान भटकाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे। यह सब देख नर-नारायण समझ गए कि यह इंद्रदेव का प्रपंच है। तब नारायण ने अपनी जंघा पर ठोक कर एक पूर्ण यौवन से विकसित एक बहद कोमल काया वाली परम सुंदरी को उत्पन्न किया।
इस अनिंद्य सुंदरी के आगे मेनका, रंभा, तिलोत्तमा आदि अप्सराओं का सौंदर्य फीका पड़ गया। यह देख कर इंद्र बहुत लज्जित हुए और उन्होंने नर-नारायण से क्षमा मांगी। नर-नारायण ने प्रसन्न होकर उस सुंदरी को इंद्र को उपहार में दे दिया और उसका नाम उर्वशी रखा गया। बाद में वह इंद्र की सबसे प्रिय अप्सरा बनी।
उर्वशी और पुरुरवा की प्रेम कहानी
मत्स्य पुराण के अनुसार, उर्वशी को एक अहीर की कन्या बताया गया है। हालांकि, यह कथा उतनी प्रचलित नहीं है जितनी ऋषि नारायण की जांघ से जन्म लेने की कथा। उर्वशी की सबसे प्रसिद्ध कहानी उनका मृत्युलोक के राजा पुरुरवा के साथ प्रेम संबंध है। राजा पुरुरवा महाभारत से संबंधित हैं और पांडवों के पूर्वज थे। वे उर्वशी के रूप पर मोहित हो गए थे और दोनों ने एक दूसरे से विवाह कर लिया था। उनसे 10 प्रतापी पुत्र उत्पन्न हुए थे। लेकिन देवताओं के नियमों के अनुसार, अप्सराओं का विवाह मनुष्यों से नहीं हो सकता था। इसलिए उर्वशी को स्वर्ग लौटना पड़ा।
Next Story