धर्म-अध्यात्म

Apara Ekadashi Vrat Katha Kahani : कब है अपरा एकादशी व्रत, जानें कीमत और फीचर्स

Tulsi Rao
25 May 2022 10:34 AM GMT
Apara Ekadashi Vrat Katha Kahani : कब है अपरा एकादशी व्रत, जानें कीमत और फीचर्स
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह तिथि भगवान विष्णु को प्रिय होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती है। ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल 26 मई को अपरा एकादशी व्रत रखा जाएगा। अपरा एकादशी के दिन इस व्रत कथा को जरूर पढ़ना चाहिए। इस व्रत कथा को पढ़ने से व्रत का लाभ मिलता है। आगे पढ़ें एकादशी व्रत कथा-

अपरा एकादशी व्रत कथा-

भगवान विष्णु की कृपा दिलाने वाले व्रत की कथा इस प्रकार है। महीध्वज नामक एक धर्मात्मा राजा था। राजा का छोटा भाई वज्रध्वज बड़े भाई से द्वेष रखता था। एक दिन अवसर पाकर इसने राजा की हत्या कर दी और जंगल में एक पीपल के नीचे गाड़ दिया। अकाल मृत्यु होने के कारण राजा की आत्मा प्रेत बनकर पीपल पर रहने लगी। मार्ग से गुजरने वाले हर व्यक्ति को आत्मा परेशान करती। एक दिन एक ऋषि इस रास्ते से गुजर रहे थे। इन्होंने प्रेत को देखा और अपने तपोबल से उसके प्रेत बनने का कारण जाना।

ऋषि ने पीपल के पेड़ से राजा की प्रेतात्मा को नीचे उतारा और परलोक विद्या का उपदेश दिया। राजा को प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए ऋषि ने स्वयं अपरा एकादशी का व्रत रखा और द्वादशी के दिन व्रत पूरा होने पर व्रत का पुण्य प्रेत को दे दिया। एकादशी व्रत का पुण्य प्राप्त करके राजा प्रेतयोनि से मुक्त हो गया और स्वर्ग चला गया।

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