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Angaraki Chaturthi Vrat 2021 : अंगारकी गणेश चतुर्थी पर जानें चतुर्थी के प्रकार और महत्व

Deepa Sahu
27 July 2021 12:51 PM GMT
Angaraki Chaturthi Vrat 2021 :  अंगारकी गणेश चतुर्थी पर जानें चतुर्थी के प्रकार और महत्व
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संकष्‍टी चतुर्थी हर महीने कृष्‍ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को कहा जाता है।

संकष्‍टी चतुर्थी हर महीने कृष्‍ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को कहा जाता है। इस दिन विधि-विधान से गणेशजी की पूजा की जाती है और कुछ लोग व्रत करते हैं। मगर इस बार सावन में पड़ने वाली चतुर्थी अंगारकी चतुर्थी है। दरअसल कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी जब मंगलवार को पड़ती है तो इसे अंगारकी संकष्‍टी चतुर्थी कहा जाता है। मंगलवार को चतुर्थी पड़ने से इसमें गणेशजी की पूजा के साथ मंगल ग्रह का प्रभाव भी पड़ जुड़ जाता है। पुराणों में ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन जो भी गणेशजी पूजा करता है, व्रत करता है उसे गणेशजी की कृपा के साथ शुभ मंगल की भी प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं अंगारकी चतुर्थी का महत्‍व और संकष्‍टी चतुर्थी के प्रकार…

अंगारकी संकष्‍टी चतुर्थी का महत्‍व
पुराणों में अंगाकरी संकष्‍टी चतुर्थी के महत्‍व को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। गणेश चतुर्थी का मंगलवार को आना सबसे खास माना जाता है। प्राचीन कथाओं में बताया गया है कि माता पार्वती के कहने पर भगवान शिव ने अपने पुत्र को हाथी का मुखड़ा लगाया तो उनका नाम गजानन पड़ गया और उस दिन से ही गणेश चतुर्थी के व्रत की परंपरा शुरू हो गई। अधिकांश स्‍थानों पर माताएं अपने बच्‍चों की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती हैं।
इसलिए मनाई जाने लगी अंगाकरी संकष्‍टी चतुर्थी
अंगाकरी संकष्‍टी चतुर्थी के लिए ऐसी कथा प्रचलित है कि एक बार मंगल देव ने गणेशजी को प्रसन्‍न करने के लिए व्रत किया तो उनसे प्रसन्‍न होकर गजानन ने यह वरदान दिया कि जो भी मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी पर उनकी पूजा करेगा, उनके सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होंगे और उनकी सारी मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी।
इतने प्रकार की होती है चतुर्थी
हिंदू धर्म की मान्‍यताओं के अनुसार हर महीने के कृष्‍ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्‍टी चतुर्थी कहते हैं और इसके अलावा हर महीने के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा भाद्र पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश पुराण में बताया गया है कि इस दिन भगवान गणेशजी का जन्‍म हुआ था और इस उपलक्ष्‍य में यह चतुर्थी मनाई जाती है।
इसलिए बेहद खास मानी जाती है सावन की चतुर्थी
सावन में गणेश चतुर्थी का महत्‍व इसलिए बहुत खास माना जाता है क्‍योंकि सावन का महीना गणेशजी के माता-पिता का प्रिय महीना है। जहां सावन के प्रत्‍येक सोमवार को शिवजी का व्रत रखा जाता है। तो वहीं प्रत्‍येक मंगलवार को मंगला गौरी की पूजा की जाती है। इसके बाद सावन के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी भी बहुत खास महत्‍व वाली होती है।
अंगारकी चतुर्थी 2021 का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: 27 जुलाई सुबह 02 बजकर 54 मिनट से
सपापन: 28 जुलाई सुबह 02 बजकर 29 मिनट तक
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अंगारकी चतुर्थी की पूजाविधि
अंगारकी चतुर्थी पर भगवान गणेशजी की पूजा के साथ हनुमानजी का भी स्‍मरण करें। ऐसा करने से आपकी कुंडली से मंगल के अशुभ प्रभाव समाप्‍त होते हैं। पूजा करने के लिए सुबह उठकर जल में काले तिल डालकर स्‍नान करें। उसके बाद विधि विधान से गणेशजी की पूजा करके व्रत करने का संकल्‍प लें। लाल रंग के आसन पर गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें और उन्‍हें धूप, दीप, नैवेद्य, फल, फूल अर्पित करें। इस दिन गणेशजी को लाल सिंदूर से टीका लगाएं और दूर्वा जरूर चढ़ाएं। ऐसा करने से मंगल दोष की समाप्‍ति होती है।
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