धर्म-अध्यात्म

14 मार्च को है आमलकी एकादशी व्रत, जाने पूजा विधि और महत्व

Subhi
12 March 2022 3:34 AM GMT
14 मार्च को है आमलकी एकादशी व्रत, जाने पूजा विधि और महत्व
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हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल भर में 24 एकादशी व्रत होते हैं। यानी हर माह में दो एकादशी तिथि पड़ती है। वहीं फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल भर में 24 एकादशी व्रत होते हैं। यानी हर माह में दो एकादशी तिथि पड़ती है। वहीं फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो हिंदू धर्म के अनुसार सभी एकादशियों का काफी महत्व माना गया है, लेकिन इन सब में आमलकी एकादशी को सर्वोत्तम स्थान पर रखा गया है। अमालकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का भी विधान है। इस बार अमालकी एकादशी 14 मार्च, सोमवार के दिन पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पूजा-पाठ और व्रत के साथ कुछ उपायों को जरूर करना चाहिए। इन उपायों को करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में...

आमलकी एकादशी के दिन करें ये उपाय

आमलकी एकादशी के दिन इस दिन 21 ताजे पीले फूलों की माला भगवान विष्णु को अर्पित करनी चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान को खोए से बनी मिठाई का भोग लगाएं। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और उनके जीवन में हर कार्य में सफलता मिलती है।

आमलकी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन घर में आवंले का वृक्ष लगाने से हर कार्य में तरक्की मिलती है। साथ ही धन-संपत्ति की भी प्राप्ति होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन आंवले का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु को आंवला जरूर अर्पित करना चाहिए। साथ ही स्वंय भी ग्रहण करना शुभ माना गया है। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इस दिन आंवले के पेड़ पर जल अर्पित करने से कार्य क्षेत्र में आ रही हर तरह की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा पति-पत्नी के बीच किसी तरह की खटास है तो आंवले के वृक्ष पर सात बार सूत का धागा लपेटें। इसके बाद घी का दीपक जलाएं।


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